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________________ योगशास्त्र : पंचम प्रकाश ५१० प्रत्येक पवन का स्थान, वर्ण, क्रिया अर्थ और बीज को जान कर योगी प्राणायाम के द्वारा इन पर विजय प्राप्त करे । व्याख्या - (१) श्वास - निश्वास का व्यापार प्राणवायु है, (२) मलमूत्र और गर्भादि को को बाहर लाने वालः अपानवायु है, (३) भंजन-पानी आदि को परिपक्व कर उसमें से उत्पन्न हुए रस को शरीर के भिन्न-भिन्न प्रदेशों में पहुंचाने वाला वायु समानवायु है, (४) रसादि को ऊपर ले जाने वाला उदानवायु है और (५) संपूर्ण शरीर में व्याप्त रहने वाला व्यानवायु है । इन पांचों वायु के स्थान, वर्ण, क्रिया, अर्ध और बीज को जान कर योगी रेचकादि प्राणयामों से इन पर विजय प्राप्त करते हैं ।' उसमें प्राण के स्थानादि कहने है - प्राणो नासाग्रहृन्नाभिपादांगुष्ठान्तगो हरित् । गमागमप्रयोगेण, तज्जयो धारणेन वा ॥१४॥ अर्थ -- प्राणवायु नासिका के अग्रभाग में, हृदय में नाभि में और पैर के अंगूठे तक फैला हुआ है । यह उसका स्थान है. उसका वर्ण हरा है, गमागम के प्रयोग अर्थात् रेचक और पूरक के प्रयोग से और धारणा के द्वारा उसे जीतना चाहिए। अर्थ और बीज का वर्णन वाद मे करेंगे, अब गमागम प्रयोग और धारणा को कहते हैंनासादिस्थानयोगेन एरणाद् रेचनान्मुहुः । गमागमप्रयोगः स्याद, धारण कुम्भनात् पुनः ॥१५॥ अर्थ - नासिका आदि स्थानों में बार-बार वायु का पूरण और रेचन करने से गमागम प्रयोग होता है और उस वायु का अवरोध (कुम्भक ) करने से धारणा नाम का प्रयोग होता है । अपानवायु का वर्ण-स्थानादि कहते है अपानः कृष्णरूग्मन्या- पृष्ठपृष्ठान्तपाष्णिगः । जेयः स्वस्थानयोगेन रेचनात् पूरणान्मुहुः ॥ १६॥ अर्थ - अपानवायु का वर्ण काला है। गर्दन के पीछे की नाड़ी, पीठ, गुदा और एड़ी में उसका स्थान है, इन स्थानों में बार-बार रेचक और पूरक करके इसे जीतना चाहिए । समानवायु के वर्णादि बनाते हैं शुक्लः समानो हृन्नाभिसर्वसन्धिष्ववस्थितः । जेयः स्वस्थानयोगेनासकृद् रेचन - पूरणात् ॥१७ । अर्थ - समानवायु का वर्ण शुक्ल है। हृदय, नाभि और सर्वसंधियों में उसका निवास है । अपने-अपने स्थानों में बार-बार रेचक और पूरक- कुंभक करके उसे जीतना चाहिए । उदानवायु के वर्ण स्थानादि कहते हैं
SR No.010813
Book TitleYogshastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmavijay
PublisherNirgranth Sahitya Prakashan Sangh
Publication Year1975
Total Pages635
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size48 MB
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