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________________ ७८ एकादशांगषारी आचार्य नक्षत्र आचार्य जसपाल (जयपाल) आचार्य पाण्डु आचार्य ध्रुवमेन कंसाचार्य २२० वर्ष आचारांगधारी आचार्य मुभद्र आचार्य यशोभद्र आचर्य यशोबाहु आचार्य लोहाचार्य । ११८ वर्ष ४. - सम्पूर्ण वर्ष योग ६८४ वर्ष २. प्रभावक आचार्यआचार्य गुणवर (कषायपाहुड)-विक्रम सं. १६. आचार्य कुन्दकुन्द (समयमार)-विक्रम सं. ३२. आचार्य उमास्वामी (तत्त्वार्थमूत्र)-विक्रम सं. १५० आचार्य ममन्त भद्र (रत्नकरण्ड)-(विक्रम सं. तीसरी शती) आचार्य सिद्धमन (सन्मतिसूत्र)-(विक्रम मं. पांचवीं शती) 'नक्षवं जयपालाव्यं पाण्डुच ध्रुवमेनकम् । कंसाचार्य पुरोकगीय जातारं प्रयजेऽन्वहम्।। मुभदंच यशोभद्रं यशोबाहुं मनीश्वरम् । लोहाचार्य पुरा पूर्वज्ञानचक्रधरं नुमः ॥'
SR No.010812
Book TitleTirthankar Varddhaman
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVidyanandmuni
PublisherVeer Nirvan Granth Prakashan Samiti
Publication Year1973
Total Pages100
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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