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________________ छठा महाचारकथा अध्ययन १३१ अर्थ-जो भी वस्त्र, पात्र, कम्बल और पाद-पोंछन रजोहरण आदि हैं, उन्हें मुनि संयम की रक्षा के लिए और लज्जा का निवारण करने के लिए ही रखते और उनका उपयोग करते हैं । अतः सब जीवों के रक्षक भगवान् महावीर ने वस्त्र आदि को परिग्रह नहीं कहा है, किन्तु मूर्छा या गृद्धिभाव को परिग्रह कहा है, ऐसा महर्षि गणधर ने कहा है। (२२) चौपाई- संजम-राखन-कारन लोनी, सब विधि उपधि ग्रहन जो कीनी । तामें, तथा आपने तन में, नहिं आनत ममता मुनि मन में । अर्थ-प्रबुद्ध मुनि सर्वत्र उपधि को संयम की रक्षा के लिए ही ग्रहण करते हैं, किन्तु मूर्छा भाव से नहीं । और तो क्या, वे संयमी मुनि अपने देह पर भी ममत्व भाव नहीं रखते हैं। (२३) चौपाई- अहो नित्य तप ही को करनो, सकल बुद्ध देवनि करि वरनो । एक वेर भोजन को करनो, संजम समवृत्ती को धरनो। अर्थ-अहो, सभी बुद्धों ने श्रमणों के लिए नित्य तप:कर्म (तप का अनुष्ठान) संयम के अनुकूल वृत्ति अर्थात् शरीर का पालन करने और एक वार भोजन करने का उपदेश दिया है। (२४.-२५-२६) बोहा- ए प्रानी सूच्छम अहैं, अचर तथा चर देह । कैसे तिनहिं न लखत मुनि, भख अबोस हि तेह ॥ चौपाई- बीज-मिल्यो, जल-भीनो भोजन, पृथिवी ऊपर परे जंतु-गन । दिन में हू वरजत है ऐसे, तिनमें चरै राति में कैसे।। रिठा- ऐसो बोस निहार, सातपुत्र ने जो कह्यौ । सब ही भांति आहार, नहिं निग्रंथ निसि में करै ॥ अर्थ-जो त्रस और स्थावर सूक्ष्म प्राणी हैं उन्हें रात्रि में नहीं देखता हुआ निम्रन्थ ईर्यासमिति-पूर्वक कैसे चल सकता है ? जल से गीले और बीजयुक्त भोजन तथा पृथ्वी पर पड़े हुए प्राणी, उन्हें दिनमें तो आंखों से देखकर बचाया जा सकता है, किन्तु रात्रि में उनकी रक्षा करते हुए कैसे चला जा सकता है ? (इस प्रकार साधु के रात्रि-विहार और रात्रि-भोजन दोनों का निषेध है ।) ज्ञातपुत्र भगवान महावीर ने इस हिंसात्मक दोष को देखकर कहा-जो निम्रन्थ होते हैं वे रात्रि-भोजन नहीं करते हैं और चारों प्रकार के सभी आहारों का रात्रि में त्याग करते हैं अर्थात् रात्रि में किसी भी प्रकार का भोजन नहीं करते हैं।
SR No.010809
Book TitleAgam 42 Mool 03 Dashvaikalik Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMishrimalmuni
PublisherMarudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur
Publication Year
Total Pages335
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_dashvaikalik
File Size13 MB
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