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________________ तत्वार्थसूत्र तिकरे सेवन करेस लेखनानामकश करने कहिसो काम निशा श्रालस्य मादकाजी किंवातपित्त कफा ट्रिक के प्रकोप के प्रभावक नैकंस खियारच नावइरिहनिकूं मार्गत नहीं चिगनें परीसह सदन के उपवा सनी र समदार कंनिकतिनविनाइत्यादिनिन सूत्र के अनुकुल शरीर कुंकस्पकरनोसोकाय सल्लेखनाद ॥ प्ररक्रोधमान माया लोन तथा गद्वेषादिकनिकसरि परमवीत रागंत्ताधारनोसोकषाय सलिए हिजो शरीर संलेखनाकषाय सल्लेषनांक रिपरमवीतरागता पहोश्पंचपरमगुरुनिकुं समरणकरता परमात्मभावना त्याग करना सोसखनाद स्वं शंका कांताधिविहित्सन्पदृष्टिपा शंसास्तवः सम्पग्टष्टेरती चार श्याजिनभाषित तत्व भैरो का का मोरांकहि जिनधर्म सेवनकर इस लोकपरलोक में भोग चाहना करना ॥५॥
SR No.010804
Book TitleTattvartha Sutra
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages824
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript, Tattvartha Sutra, Tattvartha Sutra, & Tattvarth
File Size39 MB
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