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________________ आचा० । सूत्रम् ॥१०१८॥ ॥१०१८॥ वा दम्मेत्ति वा-गोरहत्ति वा वाहिमति वा रहजोग्गति वा, एयप्पगार भासं सावज जाव'नो भासिज्जा ।। से भि. विख्वरूबाओ गाओ पेहाए एवं बइज्जा, तंजहा-जुवंगविचि वा घेणुत्ति वा रसवइत्ति वा हस्से इ वा महल्ले इ वा महब्बए इ वा संवहणित्ति वा, एअप्पगारं भासं असावज जाव अभिफंख भासिज्जा ।। से भिक्खू वा० तहेव गंतुमुज्जाणाई पन्चयाई वणाणि वा रुक्खा महल्ले पेहाए नो एवं वदज्जा, तं०-पासायजोग्गाति वा तारणजोग्गाइ वा गिहजोग्गाइ वा फलिहजो० अग्गलजो० नावाजो० उदग० दोणजो० पीढचंगबेरनंगलकुलियजंतलठ्ठीनाभिगंडीआसणजो० सयणजाणत्रस्सयजोगाई वा, एयप्पगारं० नो भासिज्जा ॥ से भिक्खु वा० तहेव गंतु० एवं वइज्जा तंजहा-जाइमंता इ वा दीहवट्टा इ वा महालया इ वा पाययसाला इ वा विडिमसाला इ वा पासाइया इ वा जाव पडिरूवाति बग एयप्पगारं भासं असावज्जं जाव भासिज्जा ॥ से भि. बहुसंभूया वणफला पेहाए तदावि ते नो एवं वइज्जा, तंजहा-पक्का इ वा पायखज्जा इवा वेलोइया इ वा टाला इ वा वेहिया इवा, एयप्पगारं भासं सावज्ज जाव नो भासिज्जा ।। से भिक्खू० बहुसंभूया वणफला अंबा पेहाए एवं वइज्जा; तं०-असंथडा इ वा बहुनिवट्टिमफला इ वा बहुसंभूयां इ वा भूयरुचित्ति वा, एयप्पगारं भा० असा० ।। से० वहुसंभूया ओसही पेहाए. नहावि. ताओ न एवं वइज्जा, तंजहा-पक्का इ वा नीलीया इ वा छवीइया इ वा लाइमा इ वा भज्जिमा इ वा बहुखज्जा इ वा, एयप्पगा० नो भासिज्जा ॥ से बहु० पेहाए तहावि एवं वइज्जा, तं०-रुढा इ वा बहुसंभूया इ वा थिरा इ वा ऊसंढाइ वा गम्भिया इ वा पमूया इ वा. ससारा इ वा, एयप्पगारं भासं असावज्जं जाव भासि० ॥ (१३८) SCER-CIEOSAROGRESSESSAGERS
SR No.010803
Book TitleAgam 01 Ang 01 Acharang Sutra Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhadrabahu, Shilankacharya
PublisherShravak Hiralal Hansraj
Publication Year1933
Total Pages890
LanguagePrakrit, Sanskrit, Gujarati
ClassificationManuscript, Agam, Canon, & agam_acharang
File Size40 MB
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