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________________ सिद्ध ལྕེ་ २७ C नगरपते नगरपते कालश्रमरण कालश्रमरण स्वाहा ||१५|| सेवाफल पट्परमस्थान भवतु, अपमृत्युविनाशन भवतु समाधि मरण भवतु स्वाहा । सुरेन्द्रमन्त्र ॐ सत्यजाताय स्वाहा ॥१॥ ॐ र्हज्जाताय स्वाहा ||२|| ॐ दिव्यजाताय स्वाहा ।।३।। ॐ दिव्याचिजाताय स्वाहा ||४|| ॐ नेमिनाथाय स्वाहा ||५|| ॐ सौधर्माय स्वाहा ।।६।। ॐकल्पाधिपतये स्वाहा ||७|| अनुचराय स्वाहा ||८|| परपरेन्द्राय स्वाहा ॥१॥ ॐ अहमिन्द्राय स्वाहा ।।१०।। ॐ परमार्हताय स्वाहा ।। ११ ।। ॐ प्रनुपमाय स्वाहा ।। १२ ।। ॐसम्यग्दृष्टे सम्यग्दृष्टे कल्पपते कल्पपते दिव्यमूर्ते दिव्यमूर्ते वजूनामन् वज्रनामन् स्वाहा ।। १३ ।। । सेवाफल षट्परमस्थान भवतु, अपमृत्युविनाशन भवतु, समाधिमरण भवतु स्वाहा । परमराजादि मन्त्र ॐ सत्याजाय नमः ।।१।। ॐ अर्हज्जाताय स्वाहा || २ || अनुपमेन्द्राय स्वाहा || ३ || ॐ विजयार्च्यजाताय स्वाहा ||४|| ॐ नेमिनाथाय स्वाहा ||५|| ॐ परमजाताय स्वाहा ।।६।। ॐ परमार्हताय स्वाहा ||७|| ॐ अनुपमाय स्वाहा ॥ ६ ॥ ॐ सम्यग्दृष्टे सम्यग्दृष्टे उग्रतेज उग्रतेज दिशाजन दिशाजन नेमिविजय नेमिविजय स्वाहा ||६|| सेवाफल षट्परमस्थान भवतु, अपमृत्युविनाशन भवतु, समाधिमरण भवतु स्वाहा । परमेष्ठी मन्त्र ॐ सत्यजाताय नम* ॥१॥ ॐ अर्हज्जाताय नम ॥ २॥ ॐ परमंजाताय नम ॥३॥ ॐ परमार्हताय नमः ॥४॥ ॐ परमरूपाय नमः ॥ ५॥ ॐ परमतेजसे नमः ॥६॥ ॐ परम २७
SR No.010799
Book TitleSiddhachakra Vidhan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSantlal Pandit
PublisherVeer Pustak Bhandar Jaipur
Publication Year
Total Pages442
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript, Ritual, & Vidhi
File Size10 MB
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