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________________ ववहार० ॥१५२॥ दत्तीओ जोयणस्स पनिगाहेत्तर, सत्त पाएस्स. अट्टमीए से कप्पइ अट्ट दत्तीओ जोयणस्स पनिगाहेत्तए, अट्ट पाणस्स. नवमीए से कप्पड़ नव दत्तीओ जोयएस परिगात्तए, नव पाणस्स. दसमीए से कप्पइ दस दत्तीओ जोयणस्स पनिगाहेत्तए, दस पाणस्स. एगारसमीए से कप्पइ एगारस दत्तीयो जोयणस्स पमिगाहेत्तए, एगारस पाणस्स. बारसमीए से कप्पर बारस दसीओ भोयणस्स परिगात्तए, बारस पाणस्स. तेरसमीए से कप्पर तेरस दत्ती नोयणस्स परिगात्तए तेरस पास्स चोदसमीए से कप्पइ चोदस दत्तीओ जोयणस्स पमिगाहेत्तर चोइस पाणस्स. पन्नरसमीए" से कप्पइ पन्नरस दत्तीओ जोय - स परिगात्तए, पन्नरस पापस्स. बहुलपक्खस्स से" पाविए कप्पन्ति चो ९ (एम) सीए in-stead of 'समीए ( ने बदले ) १० HE (एचमां ) पुण्णिमाए कप्पर पं. ११H (एचमां ) से after पा° ( " पाडिवए " पछी " से " छे ). उद्देसओ. ॥ १० ॥ ॥१५२॥
SR No.010798
Book TitleAgam 36 Chhed 03 Vyavahara Sutra
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages398
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript, Agam, Canon, & agam_vyavahara
File Size14 MB
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