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________________ शाहा जवाहरलाल और जैन ज्योतिष : ३ : शाहा जवाहरलालजी प्रतापगढ ( राजपूताना ) के एक प्रसिद्ध जैन वैद्य एव सम्पन्न व्यक्ति है। बाल्यावस्थासे ही शास्त्रोके अभ्यासी एव प्रतिष्ठादि कर्मकाण्डोके ज्ञाता हुवड जातिके महाजन है। आपकी अवस्था ६६ वर्षकी हो गई है। धन-कुटुम्बादिसे समृद्ध होनेके साथ-साथ आपके पास निजका अच्छा शास्त्रभण्डार है, जिसकी एक सूची भी आपने मेरे पास भेजी है। यद्यपि मेरा अभी तक आपसे कोई साक्षात्कार नहीं हुआ, फिर भी पत्रो तथा कृतियोपरसे यह स्पष्ट जाना है कि आप बडे ही विनम्र स्वभाव एवं सरल प्रकृतिके सज्जन हैं-अभिमान तो शायद आपको छूकर नही गया । अपनी त्रुटियोको समझना, भूलको सहर्ष स्वीकार करना और भूल बतलाने वालेके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना जैसे आपमे उदार गुण है। इसके सिवाय, परोपकारकी आपके हृदयमे लगन है और आप अपने अन्तिम जीवनमे साहित्यसेवाका भी कुछ पुनीत कार्य कर जाना चाहते हैं। वैद्य होनेके साथ-साथ ज्योतिषके विषयमे आपकी बडी रुचि है और उस ओर प्रवृत्तिकी कुछ रोचक कथा भी है। आप शुरू-शुरू में सट्टेके व्यापारमे तेजी-मदी जाननेके अर्थ शकुनादिका परिचय प्राप्त करनेकी ओर बढे और बढ़ते-बढते ज्योतिष शास्त्रोके अभ्यासी हो गये । जैन ज्योतिपके कुछ ग्रन्योको पाकर तो आपकी रुचि इस ओर और भी प्रदीप्त हो उठी और आपने उनमे दूसरे ग्रन्योकी अपेक्षा कितनी ही विशेषताओको
SR No.010793
Book TitleYugveer Nibandhavali Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1967
Total Pages881
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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