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________________ द्रव्य-संग्रहका अंग्रेज़ो संस्करण : १ : आरासे श्रीयुत कुमार देवेंद्रप्रसादजीके आधिपत्यमे 'दि सेक्रेड बुक्स आफ दि जैन्स' अर्थात् 'जैनियोके पवित्र ग्रंथ' नामकी एक ग्रथमाला निकलनी आरम्भ हुई है, जिसके जनरल एडीटर या प्रधान सम्पादक श्रीयुत प्रोफेसर शरच्चन्द्र घोपाल एम० ए०, बी० एल०, सरस्वती, काव्यतीर्थ, विद्याभूषण, भारती नामके एक बगाली विद्वान हैं । इस ग्रंथमालाका पहला ग्रंथ 'द्रव्य-संग्रह ' जो अभी हालमें प्रकाशित हुआ है, मेरे सामने उपस्थित है । द्रव्य-संग्रह, श्रीनेमिचन्द्राचार्यका बनाया हुआ जैनियोका एक प्रसिद्ध ग्रंथ है, जिसमे कुल ५८ गाथाएं हैं और जिसपर ब्रह्मदेवकी बनाई हुई एक विस्तृत संस्कृत टीका भी पाई जाती है । अनेक बार यह मूल ग्रंथ हिन्दी - मराठी आदि अनुवादसहित छपकर प्रकाशित हो चुका है । इस तरह इस ग्रथके कई संस्करण निकल चुके हैं । परन्तु अभी तक अग्रेजी ससारके लिये इस ग्रंथका दरवाजा बन्द था -- वह प्राय इसके लाभोसे वचित ही था । उक्त ग्रंथमालाके उत्साही कार्यकर्ताओकी कृपासे अव वह दरवाजा उक्त ससारके लिए भी खुल गया है, यह बडे ही सतोष और हर्ष की बात है । ग्रथके उपोद्घात ( Preface ) मे, उक्त ग्रंथमाला प्रकाशित करनेका उद्देश्य और अभिप्राय प्रकट करते हुए लिखा है कि 'इस ग्रंथमालामे जैनियो के उन सम्पूर्ण पवित्र ग्रथोको प्रकाशित करनेका विचार है जिन्हे जैनियोंके सभी सम्प्रदाय स्वीकार करते हैं और उन्हें भी जो जैनियोके किसी खास सम्प्रदाय द्वारा प्रमाण माने गये हैं ।' साथ ही यह भी
SR No.010793
Book TitleYugveer Nibandhavali Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1967
Total Pages881
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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