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________________ (४४) १४ धीरज को अंग पद्य १५ जीवित मृतक को अंग पथ २५ १६ दया के अंग पद्य ३४ १७ सम किटी अंग पथ . ,,३० ब , ३१ भ "४६ १६ चाइनिक , , २० चिंतावणि , , ३४० ,४१ ब २१ मनको , १२६ २२ माया को अंग पद्य ७० २३ सूखिम माया बंग पद्य २४ कामीनर को , , १०० २५ लोभी ,, २६ किरपाण नर ,, २७ कासको ,, ४२ २८ सुरातन , , ' कुल पद्यांक २४६४ पहा १२१ के बाद त्रुटित इसके पश्चात पत्रांक २८६ तक कौन २ से अन्य थे, पता नहीं चलता, पर सूची से पत्रांक २८७ से ६८५ तक में जो ग्रन्थ थे, उनकी नामावली नीचे दे दी जारही है। सूची के २ पत्रों के नीचे का कुछ अंश टूट जाने से कई प्रन्थों के नाम प्राप्त नहीं हो सके। पत्रांक पद्यसंख्या १ वारजोग ग्रन्थ २ हंसपरमोध ३ बडी तिथि जोग २८६ ४ लहुडी तिथि ५ चालीस पदी जोग ६ वषदा पदी , ७ तीस पदी , ८ बारा पदी , प्रन्थनाम २६०
SR No.010790
Book TitleRajasthan me Hindi ke Hastlikhit Grantho ki Khoj Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta
PublisherRajasthan Vishva Vidyapith
Publication Year1954
Total Pages301
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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