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________________ (२८) सुकवि गुलाब को सहायक सुजन के॥ जुग-जुग रानू प्ररथ करत प्रति पृष्ठ अक्षर १३ से १८ दउलति दोधकादिक २०२ वरैः पृ० पं. २०१ (क) सु कषि गुलाब में सहायक सुजान के॥ ११ जुग जुन २०१ २१ रादू २०१ २७ अर्थ २०२ २ अरत २०२१ प्रतिष्ट अक्षर १८ २०२ १३ दडलति दोधकाधिक २०२ १७ वरैः २०२ १६ दडलति २०२ १६ प्रगट पामाथी पत्र २०२ २० २०२ श्रीमंत दीपखान २०२ २२ नन्धा । २०२ सानुम नकर २०२ सुधीशाश्रिमः २०२ धन्वंसार मुख वैध २०३ ताथर त्तिकछक २०३ २ भावि २०३ ३ अह निसेगत २०३७ विरचि २०३ १८ सारह २०३ १९६५ दउलति प्रकृष्ट परमार्थी यात्रा से श्रीमंतोलिफरवान सानुमादिनकर सुधीशाश्रितः धन्यतरि मुख वैद्य ताथ चिकछक भवि 6WW. २०३ निरोगता विरचिति समाप्तः। हर्ष, कृमि, पांडु आदि
SR No.010790
Book TitleRajasthan me Hindi ke Hastlikhit Grantho ki Khoj Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta
PublisherRajasthan Vishva Vidyapith
Publication Year1954
Total Pages301
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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