SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 28
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( २८ ) ...११६ ५१ विलक-मतमें प्रमाणभूत गीता-श्लोकींकी समालोचना । ८२ तिलक-मतके षष्ट अङ्कका निराकरण २३. तिलक-मतके सप्तम अङ्कका निराकरण ८४ तिलक-मतके अष्टम अङ्कका निराकरण ८५ देशभक्त नवयुवकोंसे विनती ८६ तिलक-मतके नवम अङ्कका निराकरण ....१११. २७ उपसहार ...११२ मम त्याग-वैराग्यपर पूर्वपक्ष RE उक्त पूर्णपक्षका समाधान ...११६ ज्ञान १३५.१४६ ६० कर्मजन्य अपूर्व ज्ञानमें उपयोगी सामग्रीका जनक है १३५ ६१ मद्गुरु-महिमा ...१३५ १२ ज्ञानमें उपयोगी त्रिविध कृपा और विचार-महिमा ..१४३ सम-विधार १४०-२०७ १३ एक निर्षिकार कूटस्थ सत्ताके आश्रय ही अशेप विकारोंका सम्भव है (अङ्क १-५) ...१४७ ६४ त्रिविध परिच्छेदोंकी अन्योऽन्याश्रयता (अङ्क ६-२६) १५१ ६५ कारण-कार्य-अभेद (अङ्क-२७-३८) ...१६४ १६ जाग्रत् व स्वप्नका अभेद् (अङ्क ३६-५२) ...१७३ १७ वशिष्ठ, वाचस्पति और एक जीववाद निरूपण तथा उक्त तीनों मतोंकी परस्पर सङ्गति( अङ्क ५३-७०)१८७' पर उपसंहार ...२०५ परिशिष्ट भाग-मनको एकाग्रता और तत्सम्बन्धो विभिन्न विचार व प्रार्थनाएँ
SR No.010777
Book TitleAtmavilas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmanandji Maharaj
PublisherShraddha Sahitya Niketan
Publication Year
Total Pages538
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy