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तीर्थबुर चरित्र
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६ भोगवतिका, ७ प्रहारातिगा, ८ अंतक्खरिया, ९ अक्षरपृष्ठिक, १० वैनयिकी, ११ निहणविका, १२ अंकलिपि, १३ गणितलिपि, १४ गंधर्वलिपि, १५ भादर्शलिपि, १६ माहेश्वरी, १७ दामिललिपि, १८ वोलिदलिपि ।
सुन्दरी को बायें हाथ से गणित सिखाया साथ ही भगवान ने स्त्रियों को ६४ कला का कभी ज्ञान दिया। स्त्रियों की ६४ कलाएँ ये
१ नृत्य २ भौचित्य ३ चित्र ४ वादिन
मंत्र
६ तंत्र ७ ज्ञान ८ विज्ञान
१० जलस्तंभ ११ गीतमान १२ वालमान १३ मेघवृष्टि १४ फलावृष्टि १५ आरामरोपण १६ आकारगोपण १७ धर्मविचार १. शकुनविचार १९ क्रियाकल्प
२. संस्कृतजल्प २१ प्रासादनीति २२ धर्मरीति २३ वर्णिकावृद्धि २४ स्वर्णसिद्धि २५ सुरभितैलकरण २६ लीलासंचरण २७ हयगजपरीक्षण २८ पुरुष-स्त्री लक्षण २९ हेमनरभेद ३० अष्टादश लिपि परिच्छेद ३१ तत्कालवृद्धि ३२ वास्तुसिद्धि ३३ कामविक्रिया ३४ वैद्यकक्रिया ३५ कुम्भनम ३६ सारिश्रम ३७ अंजनयोग ३८ चूर्णयोग