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________________ ३० १८ १३ १८ कठोर निकट कात्यायण वठोर निकट कत्यय - पकार अग्निदाहदि परिभ्रम वो प्रकार अग्निदाहादि परिभ्रमण पडे चोर सुवासबकुमार पृ. ५५८, जिनदासकुमार पृ० ५५९ धनपति कुमार पृ० ५६०, एवं महाबलकुमार पृ. ५६० इन्होने उसी भव में मोक्ष प्राप्त किया। ५७० ७ निर्वाण निर्वाण १५ पड २ किया। किया ५९२ भलिछत्रा अहिन्त्रा ५९५ २५ जन्न जन्म ५९७ १६ चार कलान्तर कालान्तर ६०३ अर्जुननाली अर्जुनमालो व्यात व्यक्ति हाकर होकर धमोशदेक धर्मोपदेशक यहां के के यहाँ सहकेशर सिंहकेशर पारवर्तन परिवर्तन दमयता दमयन्ती १६ निपुण ६०० ६११ ६१२ निपुण
SR No.010773
Book TitleAgam ke Anmol Ratna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHastimal Maharaj
PublisherLakshmi Pustak Bhandar Ahmedabad
Publication Year1968
Total Pages805
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size24 MB
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