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________________ के ज्ञान का अभाव होता है । अतः वे अजीव हैं । आत्मा का लक्षण चैतन्य है। यह चैतन्य ज्ञानात्मक, भावात्मक और क्रियात्मक रूप में प्रयुक्त होता है । आत्मा ज्ञाता होने के साथ-साथ कर्ता और भोक्ता भी है। आत्मा संसार अवस्था में अपने शुभ अशुभ कर्मों का कर्ता और उनके फलस्वरूप उत्पन्न सुखदुखः का भोक्ता भी है। मुक्त अवस्था में आत्मा अनन्तज्ञान का स्वामी होता है । शुभ अशुभ से परे शुद्ध क्रियाओं का (राग-द्वेष रहित क्रियाओं का) कर्ता होता है और अनन्त आनन्द का भोक्ता होता है । जैन-दर्शन के अनुसार प्रात्मा एक नहीं अनेक अर्थात् अनन्त है । संसारी आत्मा अनादिकाल से कर्मों से प्राबद्ध है। इसी कारण संसारी जीव जन्म-मरण के चक्कर में पड़ा रहता है। इतना होते हुए भी प्रत्येक संसारी आत्मा सिद्ध समान है। दोनों में भेद केवल कर्मों के वन्धन का है। यदि कर्मों के बन्धन को हटा दिया जाए, तो आत्मा का सिद्ध स्वरूप (जो अनन्त ज्ञान, सुख और शक्ति रूप में) प्रकट हो जाता है। जीव या आत्मा ही अपने उत्थान व पतन का उत्तरदायी है। वही अपना शत्रु है और वही अपना मित्र है। अज्ञानी होने से ज्ञानी होने का और बद्ध से मुक्त होने का सामर्थ्य उसी में होता है। वह सामर्थ्य कहीं बाहर से नहीं आता है, वह तो उसके प्रयास से ही प्रकट होता है। सांसारिक दृष्टिकोण से जीवों का वर्गीकरण इन्द्रियों की अपेक्षा किया गया है । सबसे निम्न स्तर पर एक इन्द्रिय जीव है, जिनके केवल एक स्पर्शन इन्द्रिय ही होती है। एक इन्द्रिय जीव के पांच भेद हैं: पृथ्वीकायिक जलकायिक, अग्निकायिक, वनस्पतिकायिक तथा वायुकायिक । इनमें चेतना सबसे कम विकसित होती है । इनसे उच्चस्तर के जीवों में दो इन्द्रियों से पांच इन्द्रियों तक के जीव हैं । ये त्रस जीव कहलाते हैं। कुछ जीवों में स्पर्शन और रसना-ये दो इन्द्रियाँ होती है (सीपी, शंख, आदि) । कुछ जीवों के स्पर्शन, रसना और प्राण-ये तीन इन्द्रियाँ होती हैं (जूं, खटमल, चींटी आदि)। कुछ जीवों के स्पर्शन, रसना, प्राण और चक्षु -ये चार इन्द्रियाँ होती हैं (मच्छर, 154 ] [ आचारांग
SR No.010767
Book TitleAgam 01 Ang 01 Acharang Sutra Chayanika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1987
Total Pages199
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Grammar, & agam_related_other_literature
File Size5 MB
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