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________________ ATME तो भी अपने winmvironvikrap - जाहिर खबर इन्दार शहर में मुंहाच की चर्चा, इंडियों की और आगमानुसार मुहपत्तिका निर्णय इस प्रथम मा जनशासन में साधुको बोलनेको मुंह आगे मुहपनि रखकर · यत्नपूर्वक उपयोगसें, : है। इस अनादि जिनाज्ञा को उल्नुवन करके लिये Vबॉल भी हमेशा मुहपत्ति पर अपने मामा - बोट करके कम्युक्तिय लगाकर किताये कपात कर पुष्ट करते हैं, उन सब द्वंद्वियोंकी सव शंकाओंका संब समाधान सहित । आगमानुसार मुरापचिका निर्णय । उनका पक्ष छठा होनेसे न्यायानुसार सस्य गाजार अपना झूठा पक्ष छोडकर सखवात अगोकार भी करने का । अपनी हारको साटो इजच रखने के लिये बनी का विषयांतरने गई: टेढी दुसरी दूसरी बाते बाग में लाते है। कपाने आकर रागडेप का बहानक लिय भगत निंदा मचान हैं, फिर भगनाते हैं. उसका ताज नदार मुंहपत्तिका चीका हाल. इम ग्रंथकी आदि में पाया है। इसके देखनेसे हूटियोंको अपने शहे. पक्षका कितना महातक । अन्छी तरहसे अनुभव होता है, यह ग्रंथ भी मेटमें हम ... इन के सिवाय अन्य ग्रंथ भी प्रश्नोतर मंजरी १२८३ मा । प्रश्नोत्तर विचार, पर्युषणा निर्णय प्रथमक, मौता is ६. सार. और पर्युषणा बाबत मुंबईको चर्चा कौरह वन निर्णय के ... प्रकाशकों के ठिकानसे भेट लि Dannnnnan :
SR No.010764
Book TitleDev Dravya ka Shastrartha Sambandhi Patra Vyavahar
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherMuni Manisagar
Publication Year1922
Total Pages96
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Devdravya
File Size5 MB
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