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________________ श्री सनत्कुमार चक्रवर्ती चरित्र. (६५) यो एटलामां तो तेणेते वनमां स्त्रीयोनी मध्ये रहेला सनत्कुमारने दीगे. पी। तो ते महेंऽसिंह विस्मय पामी विचार करवा लाग्यो के, "शुं आ सनत्कुमार ने के कोई बीजो विद्याधर ? " आम जेटलामां ते विचार करे तेटलामां . बंदिजनोए जय जय शब्दपूर्वक कर्यु के, “अश्वसेन राजाना वंशमां मुक्ताफल समान, कुरुवंशरूप घरना स्तंन्नरूप, त्रय जगतना पति, देवलक्ष्मीना स्थान, सर्वत्र महात्म्यने पामनारा अने सर्वगुणोना समुश् एवा हे सनत्कुमार ! तमे जयवंता वर्तो." बंदिजनोनी आवी वाणी सांजली श्रयो निश्चय जेने एवा ते महेंसिंहे पोतानी सन्मुख नन्नेला सनत्कुमारने नलख्यो. सनत्कुमारे पण । तेने नलख्यो; तेथी ते नठीने महेंऽसिंहने नेटी पड्यो. आम तेन परस्पर नेटीने पठी एक आसन नपर बेग एटले तो सर्वे विद्याधरो विस्मय पामीगया, पठी कुमारे "तुं अहिं केम आव्यो?” एम महेंऽसिंहने पूज्यु. ते नपरथी तेणे एना नगरनो अने पोतानो सर्व वृत्तांत कही संन्नलाव्यो. पठी महेंसिंहे सनकुमारना आग्रहथी नोजनादि करीने कुमारने तेनो सर्व वृत्तांत पूग्यो एटले तोते पोतानो वृत्तांत जणावा माटे तेने पोताना अंतःपुरमा तेमी गयो.त्यां सनत्कुमारे पोतानी प्रिया वकुलमतिने आज्ञा करी के, "आ म्हारा मित्रने म्हारो सर्व वृत्तांत कहे.” पीते बकुलमतिये प्रज्ञप्ति विद्यार्नु स्मरण करी सनत्कुमारनो सर्व वृत्तांत कहेवो शरु कस्यो. ____ “हे मित्र! उर्विनीत घोमो जेटलामां कुमारने आ अरण्य प्रत्ये लश् आव्यो तेटलामां ते घोमो तत्काल मृत्यु पाम्यो. कुमार पण दावान लथी दग्ध थयेला आ वनमां अत्यंत तृषाथी पीमा पामतो तो मूबी पाम्यो. एटलामां अहिंज रहेनारा को दयावंत विद्याधरे तेने जलनु सिंचन करयु. थोमीवारे मूळनो नाश श्रयो एटले कुमारे पेला पासे नन्नेला विद्याधरने पूज्यु के, “तु कोण ठे अने आ जल क्याथी आएयुं ?" तेणे नत्तर प्राप्यो के, “हुंआ अरण्यमा रहेनारो विद्याधर बुं अनेआ जल मान सरोवरनुं जे.” कुमारे कहूं."हे गुह्यक! तुं मने झट मान सरोवर प्रत्ये लक्ष जा के, ज्यां हुं स्नानविधि करीने शीतल थनं.” पठी विद्याधर कुमारने तत्काल मान सरोवर प्रत्ये लइ गयो. कुमार मान सरोवरमां स्नान करतो हतो एवामां वैताढ्य पर्वत नपर रहेनारो असिताद नामनो विद्याधर के, जे तेनो शत्रु हतो तेणे तेने दीगे; तेथी पूर्वना
SR No.010762
Book TitleAdinath Charitra
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages489
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Story, Mythology, & Literature
File Size32 MB
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