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________________ पांमव चरित्र. . (४ ) करती पृथ्वी पण समुह सहित कंपवा लागी.आ प्रमाणे तेनना नयंकर यु. थी तुरत जागी गयेला युधिष्ठिरादिकने अने कुंतीने प्रणाम करीने हिमंबा कहेवा लागी. “हे मात ! निश्चे तमारा पुत्रने आ दैत्य मारे बे, माटे तेमनी सहायने माटे बीजा कोइने फट मोकलो, मोकलो !! हुं तेमना निर्मल गुण समूहश्री वेचायली दु, जेथी तेमनी दासी अ बु.” पली दैत्यना बहु प्रहारश्री जर्जर अंगवाला नीमसेनने जो युधिष्ठिर तुरत हाथमां खा ल तेनो तिरस्कार करता उता दोमया. आ. वखते फरी नीमसेने सऊ था गदावमे दैत्यने एवो प्रहार कस्यो के, जेथी ते जाणे नयधीज होयनी एम प्राणरहित थश्ने पृथ्वी पर पमयो. हिमंब मराया पनी नीमसेननां रूपथी मोद पामेली दिमंबिका जाणे साधी राखेली देवता होयनी ? एम सेवा करवामांतत्पर थश्ने तेनुनी पाठल पाउल फरवा लागी. हवे को वखते वनने विषे जती एवी झेपदी पांमवोथी जूदी पमी, तेथी ते जाणे यूथथी नूली पमेली मृगली होयनी ? एम नयथी आकुल व्याकुल ती अने नुख तरसथी पीमा पामती जमवा लागी. जो के आ वनने विष सिंह, हाथी, तुंम अने अजगरादिबहु हिंसक जीवो वसता हता. तो पण तेन शीलव्रतरूप बखतरथी रक्षण करायली पदीनो परान्नव करवाने ज- रापण समर्थ थता नहि. चित्तमां बहु खेद पामता एवा पांमवोए पण महावनमां, पर्वतोनी गुफामां अने सरोवरादि बीजा अनेक स्थानोमां झेपदीनी बहु सोध करी; परंतु जेम कल्पवेलीन जमे तेम ते तेनने मली नहि. पांमवो थाकीने बेग, पठी नीमसेननी आज्ञा लश्ने हिमं विका, पदीनी शोध करवा चाली. थोमो वखत श्रया पठी जाणे शक्ति, लक्ष्मीनेज लइ आवती हो. यनी ? एम ते, पदीने लश् आवी. परी हमेंशा कुंतीने अने पदीने पोताना खंना नपर बेसारती तथा सौने इचित वस्त्र अने अन्नपाणी आपती ते हिमबिका मार्गने विष पांडवोनी आगल चालवा लागी. पठी हर्ष पामेला कुंती अने युधिष्ठिरे, सहदेव तथा अर्जुनादि पुरुषोए वृद्धि पमामेला महोत्सव पूर्वक जेम रात्रीनो चंनी साथे विवाह करे तेम हिमंबिकानेन्नीमसेननी साथे परणावी. हवे तो बहु अनुराग धरती हिमंबिका मार्गने विषे विविध प्रकारना महेलनी रचना करती तथा तेनने चित पदार्थो आपती उती अनेक
SR No.010762
Book TitleAdinath Charitra
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages489
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Story, Mythology, & Literature
File Size32 MB
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