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________________ ऋषिमंगलवृत्ति-पूर्वाई. ता नामनी प्रियायुक्त एवा मरुदेव, नानिनामना पोताना पुत्रने मरुदेवी ना. मनी प्रियासहित पोताने पदे स्थापन करी पोते मृत्यु पामीने दीपकुमारने विषे देवरुपे नत्पन्न अयो, पगरी सवापांचसे धनुष्यप्रमाण देहवाला, संख्याता पूर्व लक्ष्ना आयुष्यवाला अने मरुदेवी नामनी वहाली प्रियावाला, नान्निकुलकर पूर्वे कहेली त्रणनीति प्रमाणे राज्य करवा लाग्या. हवे सुखम उखम आरो चालतो हतो, ते वखते सवार्थसिद विमानथी चवीने श्री वजनामनो जीव जंबूचीपना नरत क्षेत्रनी विनीता नगरीमां अशाममासनी अंधारी चोथने दिवसे नत्तराषाढा नक्षत्रनो योग बते मरुदेवीना नदरने विषे अवतरयो. ते वखते रात्रीने विषे माता मरुदेवीये जगत्मा श्रेष्ट एवा आ चौद महास्वप्न दीगं. तेमां प्रथम पाणी वरसी जवाने लीधे नुज्वल वादलां समान कांतिवालो, पुल, मुख,कोंढ अने शींगमानश्री सुशोनित एवो वृषन्न जो. यो. वीजे स्वप्ने ऐरावण हाथीनी नपमावालो, चार दांत वाळो, श्वेतवर्णवाळो अने जेना साते अंग पृथ्वीनो स्पर्श करी रह्या हता एवा हाथीने पोताना मुखमां प्रवेश करतो दीगे.त्रीजे स्वप्ने कपूरना हार अने नीहार (बरफ) ना समान कांतिवाला अने केशवालीश्री मनोहर एवा केशरीसिंहने माता मरुदेवीये पो. ताना मुखमा प्रवेश करतो दीगे, चाथे स्पप्ने दिशानना गजेंशेए सिंचन करेली अने उत्तम वैनववाळी लमीदेवीने पोताना मुखमां प्रवेश करती दीरी. पांच. मे स्वप्ने पांचवर्णना पुष्पोथी गुंथेली अने अत्यंत सुगंधीवाली बे दिव्यमालाने दीी. ठठे स्वप्ने पांच प्रकारना ज्योतिश्चकथी विंटलाइ रहेला अने प्रकाश. श्री अंधकारना समूहने नाश करनारा पूर्ण चंद्रने दीगे. सातमे स्वप्ने माता म. रुदेवीये किरणोवमे ग्रहोना तेजने हरण करनारा, अंधकारना समूहने नाश करनारा अने कमलना समूहने प्रवोध करनारा सूर्यने दीगे. आठमे स्वप्ने शब्द करती एवी लद घुघरीनथी सुशोनित, आकाशने स्पर्श करी रहेला अने वीजी न्हानी हजारो ध्वजानथी युक्त एवा मनोहर इंध्वजने दीगे. नवमा स्वप्ने पवित्र जलश्री नरेलो, कमल नपर रहेलो, कमलवमे ढंकाये. लोअने सर्व कल्याणना मूल रूप एवो कलश दीगे. दशमे स्वप्ने राजहंसोए मटन करी नाखेला कमलना रसथी कांक पीळा वर्णना जलवाळं अने श्वेतवर्णना कमलोधी व्याप्त एवं पद्म सरोवर दी. अग्यारमे स्वप्ने दूध स.
SR No.010762
Book TitleAdinath Charitra
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages489
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Story, Mythology, & Literature
File Size32 MB
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