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________________ __ श्री पद्म वलदेव चरित्र. (१६७) नके पोतानी पुत्री जानकीनो लग्न विधि महोत्सव कस्यो. जनकना न्हाना ना जटके पण कैकेयी नामनी पोतानी पत्नीना नदरथी नत्पन्न ययेली नश पुत्री नरतने परणावी. आ प्रमाणे सर्व राजानने विस्मयकारी पुत्रना विवाह नत्सवने करी प्रसन्न अयेला मनवालो दशरथ राजा पुत्र अने पुत्रनी स्त्रीयो सहित जनक राजाथी सङनोने प्रशंसवा योग्य एवा श्रेष्ट गौरवपणाने पामीने निर्जय थयो तो फरी पोतानी अयोध्या नगरी प्रत्ये आव्यो. ॥इति श्री पद्म बलदेव चरित्रे सीता विवाहो नाम हितीयः प्रस्तावः॥ पठी प्रशंसा करवा योग्य साम्राज्य पदने नोगवता एवा दशरथ राजाए को वखते शांति निमित्ते म्होटि समृद्धि पूर्वक श्री जिनेश्वरनो स्नात्र महोत्सव कस्यो.पी तेमणे एक दिव्य कचोलामां ते स्नात्रनुं पवित्र जल नरी कौशल्याने आपवा माटे वृक्ष झारपालने मोकल्यो अने बीजां सारां पात्रमा जरी बीजी स्त्रीयोने आपवा माटे पोतानी दासीयोने मोकली. हवे कौशल्या विनानी बीजी सर्वे स्त्रीयोए पोतपोताने प्रथम प्राप्त अयेला ते स्लाव जलने मस्तकवझे वंदन करी अमृत रसनी पेठे सुवर्ण पात्रमांजरी राख्यु अने कोशल्या तो पोताने स्नात्र जल नहि मलवाश्री शोकाकुल प्रश्ने विचार करवा लागी के, “ मान रहित जीवितने धिक्कार ले के, जे पतिये बीजी स्त्रीयोने विघ्ननी निवृति माटे नात्र जल मोकल्यु अने मने मोकल्यु नहि, माटे निश्वय हुं मंद जाग्यवाली बु. हवे पतिना सन्मान रहित एवी म्हारे मरण पामयूँ एज श्रेयकारी . " आम धारीने दशरथ प्रिया कौशल्याए जेटलामां पोताना कंउने विषे पाश नाख्यो तेटलामां दैवयोगथी त्यां दशरथ राजा आवी चम्या. तेमणे कौशल्यानी आवी अवस्था जो हृदयमा विस्मय पामी तत्काल गरीवके ते कंठ पासने दी नाख्यो अने पठी पोताना खोलामा वेसारीने प्रेमश्री तेने कडं के, “हे प्रिया ! त्हारो आवो म्होटो अपराध कोणे कस्यो ने ? निश्चय त्हारो अपराध करनार माणस म्हारे सन्मान करवा योग्य हशे । तो पण तेणे पोतानुं मृत्यु इच्छेखें देखाय ये." कौशल्याए का " हे नाथ ! आपे वीजी स्त्रीयोने त्यां स्नात्र जल मोकलाव्युं अने मने न मोकल्यु, एथीज आ म्होटुं दुःख नत्पन्न श्रयेलुं .” कौशल्या आप्रमाणे जेटलामां पोताना पतिने कहे ठे, तेटलामां वृक्ष वारपाले आ
SR No.010762
Book TitleAdinath Charitra
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages489
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Story, Mythology, & Literature
File Size32 MB
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