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________________ [हिन्दीवाद्य-निर्माण भ्रांति मत का प्रचार करने वाले वेवर साहब यहाँ होते तो हम उन्हें दिखातें। कि जिसका वे अपनी विषदग्धा लेखनी से जर्मन में वघं कर रहे हैं, वह ' भारतवर्ष में व्यापक और अमर हो रहा है। यहां हम अपनी ओर से कुछ। न कह कर हिन्दी के प्रातः स्मरणीय सुलेखक पंडित प्रतापनारायण मिश्र के । लेख को उद्धृत करते हैं अहा ! यह दोनों अक्षर भी हमारे साथ कैसा सार्वभौमिक सम्बन्ध रखते। हैं कि जिसका वर्णन करने की सामर्थ्य ही किसी को नहीं है । जो रमण । करता हो अथवा जिसमे रमण किया जाय उसे गम कहते हैं, ये दोनों अर्थ । राम नाम में पाए जाते हैं । हमारे भारतवर्ष मे सदा सर्वदा राम जी रमण । करते हैं और भारत राम में रमण करता है । इस बात का प्रमाण, कहीं। हूँढ़ने नहीं जाना, आकाश में रामधनुप ( इन्द्रधनुष ) धरती पर रामगढ़, रामपुर, रामनगर, रामगंज, रामरज, रामगंगा, रामगिरी ( दक्षिण मे );. खाद्य पदार्थों में रामदाना, रामकीला (सीताफल ), रामतरोई, ' रामचक्र चिड़ियों में रामपाखी ( वङ्गाल में मुरगी), छोटे जीवों में रामबरी ( मेढकी, व्यंजनों में रामरगी) एक प्रकार के मुँगौड़े तथा जहाँगीर ने मदिरा का नाम रामरङ्गी रखा था कि 'रामरंगिए मा नश्शाए दीगर दारद कपड़ों में रामनामी इत्यादि नाम सुनके कौन न मान लेगा कि जल, थल, भूमि, आकाश, पेड़ , पत्ता, कपड़ा लत्ता, 'खान पान सब मे राम ही रम रहे हैं । ।। मनुष्यों में रामलाल, रामचरण, रामदयाल, रामदत्त, रामसेवक, रामनाथ, रामनारायण, रामदास, रामदीन, रामप्रसाद, रामगुलाम, रामबकस । रामनेवाज, स्त्रियों में भी रामदेई, रामकिशोरी, रामपियारी, रामकुमारी इत्यादि कहाँ तक कहिए जिधर देखो उधर राम ही राम दिखाई देते हैं जिधर सुनिए राम ही नाम सुन पड़ता है व्यवहारों में देखिए लड़का पैदा होने पर रामजन्म के गीत; जनेऊ, व्याह, मुण्डन छेदन में राम ही का चरित्र, आपस के शिष्टाचार में राम, राम' दुःख में 'हाय राम !! अाश्चर्य अथवा दया में । अरे राम; महाप्रयोजनीय पदाथों में भी इस नाम का मेल, लक्ष्मी ( रुपया पैसा) का नाम रमा; स्त्री का विशेषण रामा (रामपति), मदिरा का नाम
SR No.010761
Book TitleHindi Gadya Nirman
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakshmidhar Vajpai
PublisherHindi Sahitya Sammelan Prayag
Publication Year2000
Total Pages237
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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