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________________ जिनराजसूरि कृति-कुसुमाजिलि अनुक्रमणिका सं० कृतिनाम गाथा आदि पद पृष्ठोक श्री वर्तमान जिन चतुनिंशतिका १. श्री आदिनाथ गीतम् ५ मन मधुकर मोही राउ २. श्री अजितनाथ गीतम् ४ तार करतार संसार सागरथकी २ ३. श्री संभवनाथ गीतम् ५ विणजारा रे नायक स भवनाथ २ ४ श्री अभिनंदन गीतम् ५ वेकर जोड़ी वीनवु रे । ५. श्री सुमतिनाथ गीतम् ४ करता सुतउ प्रीति ६. श्री पद्मप्रभ जिनगीतम् ५ कालियउ करतार भणी ७. श्री सुपान जिन गीतम् ५ अाज हो परमारथ पायर्ड 5. श्री चन्द्रप्रभ गीतम् श्री चंद्रभु पाहुणड रे , ६. श्री सुविधिनाथगीतम् ५ सेवा बाहिरउ कइयइ को सेवक ७ १०. श्री शीतल जिन गीतम् ५ आज लगइ धरि अधिक जगोस ७ ११. श्री श्रेयांस जिनगीतम् ५ एक कनक नइ बीजी कामिनी रे ८ १२. श्री वासुपूज्य जिनगीतम् ५ नायक मोह नजावीयंउ - ८ १३. श्री विमलनाथ जिनगीतम् ५ घर अंगण सुरतर फल्यउ बी ६ .१५. श्री अनंतनाथ गीतम् ५ पूजा नउ तू बे परवाही १० १५. श्री धर्मनाथ जिनगीतम् ५ भवसायर हुँती जउ हेलइ १० १६. श्री शांतिनाथ जिनगीतम् ५ कोल अनंतानंत भव मांहे ११ १७. श्री कुन्यु जिन गीतम् ५ जिम तिम हुं भावी चढ्यउ ११ ७. श्री चन्द्रप्रभ गीतम् . GGhr Koc ww सेवा बाहिर अधिक ज (म)
SR No.010756
Book TitleJinrajsuri Krut Kusumanjali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta
PublisherSadul Rajasthani Research Institute Bikaner
Publication Year1961
Total Pages335
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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