SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 55
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( १२ ) १७० १७० १७० १७१ २७१ १७१ १७१ ૧૭ર २७२ १७७ १७७ १७७ ३५, वृद्ध वर्णक ३६. क्षतांग मनुष्य ३७. फूहड़ स्त्री ३८, व्यक्ति कष्ट ३६. व्यक्ति श्रापद (२) ४०. , रोग (३) ४१. , , (४) ४२. उपचारक प्रचार ४३. व्यक्ति कष्ट दुष्काल वर्णन विभाग ८-जैनधर्म संबंधी वर्णन १. तीर्थंकर २. प्रथम ऋषभदेव लिन वर्णन ३. यादिनाथ (१) ४. जिन बिंब (१) ५. परमेश्वर की नत्र फाति ६. केवल ज्ञान से देखा हुअा अन्यथा नहीं होता (१) ७. केवल ज्ञान के वचन अन्यथा नहीं होते (२) ८. केवल ज्ञान ६. समव सरण (१) १०. समव सरण (२) ११. समव सरण (३) १२. समव सरण में देवों की विविध भक्ति १३. जिनवाणी वर्णन (१) १४. जिन वाणी वर्णक (२) १५. जिन वाणी (३) १६. जिन वोणी वर्णन (४) १७. धर्म उपदेश १८. जिनोपदेश (२) २६. धर्म कृत्य' २०. धर्म कृत्य १७८ १७८ १७८ १७६ १८० Y १८२ १८३ १८३ २८४ १८४ १८५ १८५ १८६ १८७ १८७
SR No.010755
Book TitleSabha Shrungar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta
PublisherNagri Pracharini Sabha Kashi
Publication Year1963
Total Pages413
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy