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________________ प्रकाशकीय वक्तव्य नागरीप्रचारिणी सभा काशी की बारहट बालाबख्श राजपूत चारण पुस्तफमाला ने अपने क्षेत्र में जो सेवा की है उसका मूल्य हिंदी जगत् जानता है। इस ग्रंथमाला के अंतर्गत अब तक निम्नलिखित नव ग्रंथ प्रकाशित हो चुके हैं। १. वाँकीदास ग्रंथावली भाग १ संपादक-श्री पं० रामकर्ण जी __ . २. बीसलदेवरासो-संपादक-श्री सत्यजीवन वर्मा ३. शिखरवंशोत्पत्ति-संपादक-श्री पुरोहित हरिनारायण शर्मा ४. बाँकीदास ग्रंथावली भाग २-संपादक श्री रामनारायण दूगड़ ५. व्रजनिधि ग्रंथावली-संपादक श्री पुरोहित हरिनारायण शर्मा ६. ढोलामारू रा दूहा-संपादक श्री रामसिंह जी ७. बाँकीदास ग्रंथावली भाग ३-संपादक श्री मुरारिदान ८. रघुनाथ रूपक गीतारो-संपादक महताबचंद खारैड ६. राजरूपक-संपादक श्री. रामकर्ण जी इस ग्रंथमाला का यह दसवाँ ग्रंथ है। यद्यपि श्रारंभ में इस पुस्तक का श्रायोजन सभा की बिड़ला ग्रंथमाला के अंतर्गत किया गया था तो भी इस ग्रंथमाला के अधिक उपयुक्त होने के कारण सभा ने इसका प्रकाशन इसी ग्रंथमाला के अंतर्गत करना अधिक उपादेय समझा। श्री अगरचंद जी नाहटा की साहित्यसेवा से हिंदी जगत् परिचित है। उन्होंने विशेष श्रम तथा धैर्यपूर्वक इस ग्रंथ का संपादन कर इस प्रथमाला को श्रीमय करने का सप्रयत्न किया है। सभाशृंगार वर्णक ग्रंथ है जो निम्नाकित दस विभागों में संकलित है: विभाग १-देश, नगर, वन, पशुपक्षी, जलाशय, नदी, समुद्र वर्णन । विभाग २-राजा, राजपरिवार, मंत्री, चक्रवर्ती, रावण, राजसभा, श्रास्थान मंडप, गज, अश्व, शस्त्र, युद्ध श्रादि का वर्णन ।
SR No.010755
Book TitleSabha Shrungar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta
PublisherNagri Pracharini Sabha Kashi
Publication Year1963
Total Pages413
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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