SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 356
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( २६६ ) : तुरी, सणहारी, सनूरी ॥ चाउलिया, आयरिया ॥ दूधिया, सझोलिया ॥ श्रावहल, वालहल || अथाणा नवनवा अथाणा, जिणइ जिमता रीझइ राउ राणा, सालणा ॥ कदमूल, अनइ कपर फूल ॥ नीला कयर, परीसइ बयर ॥ चणा काबिली, अनइ अाबिली ।। मागइ घेठा, तिवारइ परीसइ पेठा ॥ रूडा राईतां, मन भाईता ॥ पीपरि पीली, मरिच नीली ॥ काकडी, वली धावडी ॥ कउठ, छमक्या मउठ॥ काचर, मुठकाचर || कोचला। . काचरी, ऊभ काचरी ॥ परीसिवा जोग, केवट्यउ फोग ।। बघारया, धू पधारया ॥ अनेक छमकाया, सालणा ल्याया ।। भाजी झाझा घी नुसाजी, स्यु करइ भाजी, जिणा जिमता म थायइ राजी ।। मरसवनी, सोवानी, पूलानी वथुवानी ।। चणानी, मेथीनी, तेजारानी, चढलेवानी ।। वड़ी हिव अावइ वडी, एवडी पेठा वडी, श्रादा वडी ॥ मरिच वडी, छमका वही, घोला वडी, पापड वडी ।। काट वडी, दधि वडी, सिरावडी। वड़ा (दालिया ) हिव ल्यावह, दालिया, वस्या हीया । ते एहवा, घणु वखाणीये जेहवा ॥ घणइ तेलइ सीना, घणइ घोलइ भीना ।
SR No.010755
Book TitleSabha Shrungar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta
PublisherNagri Pracharini Sabha Kashi
Publication Year1963
Total Pages413
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy