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________________ भोज्य पदार्थ वली पाका केला, घृत सुखंड सु कीया मेला ॥ वर सोला, वेकिरीया वरसोला । कुकरणीया केला, सोमेला वेला ।। जूना करणा, पीला वरणा ॥ नीला नारगी, रगई दीसता सुरगी ।। रूडी राइणि, परीसइ भाइणि ॥ दाडिम नी कली, खाता पूजइ मनरली ॥ ... ..जिमता.... द्राख नद विदाम के कागदी के स्याम । सलेमी नइ खजूर, ते परीमइ भरपूर । चावउली नह पिस्ता, लोक जिमइ हस्ता । गलवी गुलमु भरी, आगे लइ धरी ।। सखरा सदा फल परिस्या परघल ॥ काविली खरबूजा अउर देसाई दूजा । मीठा उ .छु खाटा नइ मीठा, ते पुरीसता दीठा ।। वि परिसइ पकवान नी जाति, भरि२ पाणीये पराति ।। नेहनी परीमणहार, स्यामावतार || क्ठाभरणहार, देवकन्या नइ असि ।। दमी नारि परीसइ पकवान, जिमता वाघइ मुखवान ॥ सतपुडा खाजा, चतुर नारि कीया ताजा। सदलानड साजा, जेह जिनता लागइ ताजा, मोहीयइ राउत राजा ॥ लाडू वर्णन पछइ परीस्या लाडू, जाणे नान्दा गाडू ॥ जिण दीठा न रहइ मन ठाम, हिव सुणउ तेहना नाम, केसरिया वेसरिया,.... ... . .. . || सेविया, सु ठिया, मोतिया, मगदिया। मूगिया, कीटिया, कसेलेया, मेथिया ।। किसमिसीया, तेलिया ॥ त्रिगङ्गा, झगरिया। हल, परीसी परिघल |
SR No.010755
Book TitleSabha Shrungar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta
PublisherNagri Pracharini Sabha Kashi
Publication Year1963
Total Pages413
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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