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________________ (२६१) नागर खंडा, कपूरा वेलीया । प्राधी गामा चेयउला मागुरा बीटि साकडा। अल्पनसा जाल मनोहर पान वारुय जांगर खाडी व पूरवट्टरि वटिका प्रमुख मुख वास दीधा । अनेक वृध वारू पट्टकूल तेह दिवराणा इति भला । वस्त्र दीधा । एव विध स्वजन परजन संतोख्या ॥ रसवती सपूर्णा ।। ( पत्राक १२ वॉ, संग्रह मे १७ वी लिखित) १३ रसवती वर्णनम् (३) गगोटक शीतल, थाल नइ धोवण दीधा जल । पछइ नीली फलहलि परीसी, ते किसी किसी। आवा, राइण, केला, खरबूजा, फूट मतीरा, टाडिम, दाख, वीजोरा मीठा खाटा, खाटा मीठा नींबुया । सेलडी जबीरा, डागरा, फणस, अन्ननास, सेव, -मधुरा कालौंगडा, नारिंगी, नीला नालेर, खारिक, खजूर, खरसूया, अखोड, वाइम, विदाम, वेदाणा, पिस्ता, किष्टा, कमल काकडी, सीघोडा, चारोली, चारवी, जूना करणा, मीठा कमरक, साख पका अाधा, के छोली, के मउली, के घोली, के कातली करी खाड घृत संयुक्त, बूरा तणा पूर । कर्पूर वासित वरसोला, वेकरीया वरसोला । खाडइ भेल्या, घीयइ मिल्या, कुंकणीया केला । सोनेला, राजेला, हाथेला, तेहनी पातली कातली । तेहनी परीसणहारि, श्यामाग नारि । सपूर्ण शृगारि, कठाभरण हारि । जाणइ रमा नइ वंशि, देव कन्या रइ असि । इसी नारि परीसह । पकवान तणी जातिसतपुडा खाजा, सर्व साजा । जिसा प्रसाद ना छाजा, ते जिमता लागइ ताजा । तदनतरि लाडू आवइमोती लाइ, टाल लाडू, सेवइया लाडू, चारोलिया लाडू, झगरीया लाडू, सिंह केसरिया लाड्डू । नादहल, इ दरसा, दहिवड़ा दहिवडी, फीनी, सोट, सु हाली, सेव, भुगदी,
SR No.010755
Book TitleSabha Shrungar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta
PublisherNagri Pracharini Sabha Kashi
Publication Year1963
Total Pages413
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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