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________________ ( २४६ ) जे० गाइने नोलीयो । जे. आब' ने नीबोलियो। जे. राणीने दासी, जे० दूधनें छासि, . जे० २गोल ने खल, जे० गरुड ने घूअउ 3 जे. सुसील में फूअउ, जे० गाय ने छाली जे० बहिन ने साली जे० दीवाली ने होली, जे० बहू अने गोली। जे० हस ने काग, जे अलसीया नें नाग ।। जे० वृद्ध ने बाल, जे० मल्लाखाडा ने पोसाल । जेहवो अंसर जीवनें काया, जे० मारि नें । जे० रत्न नै काकरे, जे० भिखारी नैं राजा जे० धर्म नइ अधर्म, जे० शिव नै छैन । दयातेहवोअंतरजाणवो पू०. (५८) अंतर (६). जेवडउ अतर मेरु अनइ सरसव | जेवडउ अंतर मान अनह परिभव । जेवड़उ अंतर लोह अनह' कचन, जेवडउ अंतर राम अनइ रावण जेवड़उ अंतर भइंसा अनई एरावण । । जेवडउ अंतर हाथि अनइ ऊट, जेवडउ अंतर पाघरसी अनइ खूट । जेवडउ अतर सीह अनइ सीनाल, - जेवडउ अतर गोल अनह विनाल । जेवडउ अंतर गणी अनइ दासी, जेवड़उ तर दुध नइ छासि । जेवडउ अतर लूण अनइ कपूर, जेवडउ अंतर खजुश्रा नइ सूर । जेवड़उ अंतर पर्वत्त नइ स्थल, जेवडउ अतर गुल नइ खल । जेवड़उ अंतर गरूड़ अनइ घूअड़, जेवड़ा अंतर फूटरसी नइ फूहडि। जेवडउ अतर गाअ अने छाली, जेवडउ अतर वहिन नइ साली। जेवड़उ अतर दीवासा नह दीवाली, जेवड़उ अतर पुण्यवंत नइ हाली । जेवड़उ अंतर हंस नइ काग, जेवडउ अंतर अलसिया नह नाग। जेवडउ अंतर वृद्ध नइ बाल, जेवडउ अतर मल्लाखाडा नह पोसाल । जेवड़ड तर जीव नइ काया, जेवडउ अतर मारि नई दया । । ( १६७ नो , नोकलि घेलीवाट २. लोकना 3. पावे नांव । ४ अलमला ।
SR No.010755
Book TitleSabha Shrungar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta
PublisherNagri Pracharini Sabha Kashi
Publication Year1963
Total Pages413
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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