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________________ (१३१) बी. नडीजै, लाड लडीजै । . . . . . स्त्री स्युं घणी गोठि, खावा-लाडू सोंठि कोई न चहरें, दुसाला पहिरैं। -- दुख हरें, प्राणद करै । . , , . - पासें त्रागडी' धखें, अवलं चीज भखें, सांधों पास रखें। मावठो होइं, लोक ऊंचो जोइं - गाय भैस दूझै, विरही धूनें। तपसी बूम, गगियो म.। . . , . हिमाचले पडें बरफ, रोगी . पणु चालें सडफ। हीइ वधई कफ. वैद्य करें शफ उफ, लबाडी करें लपलफ । फिर हरीफ, मागे गरीब । - - - - झाड झूह झडझडया, श्राक उजडया' । पात झड़पड्या, दरिद्री तडफडथा, पाणी पत्थर सम अड़या । भोगी खाइ औषध ऊपर पीइ दूध, तेथी थाइ कोणे शुध । राबडिया दूध चार्ट, ता. होट फाटें । '' ख. घान लाटें, व्यापारी लाभ खाटें। । श्रावे हाटे, फुलेल वार्ट, देवै पईसा साटें । । साध पागरथा, पग ठांगरया । गरढा डोकर, पग लागै ठोकर, हसै छोकर । । ठाकर ठरथा, साथ सोड मा घरथा । हाथे न लवैवाइ शस्त्र, श्राघों श्रोदि वस्त्र। लोक सीसीयाट करें, पाणी नीठ भरें। चोप उछरें, ता. न चरें। धूमैं बाल गोपाल, विरही मा पडें हवाल । विपम हवाल, सहु बैठा चउसाल । साचव्या देहरा ने पोसाल, एडवो शीतकाळ || ( स०३) २२-दुष्काल वर्णन (५). एहवं एक पहिउ दुकाल, ठामि दीसइ नर कपाल ॥ वंड मुंड घरापीठ, चाचरि चाली सकइ नीठ-1, . . १-सगड़ी । २-वाटइ । ठारै करि ठन्या। । । ।
SR No.010755
Book TitleSabha Shrungar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta
PublisherNagri Pracharini Sabha Kashi
Publication Year1963
Total Pages413
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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