SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 142
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ प्रहार जर्जर कु नर पड़ा । 1 सुनासणा तुरगम तडफड़इ, भाले भरडीता गजेद्र श्रारडई | रीरीया करता राउत हथियार हलई, घाह घूमिया सुभट ढलई । पडिया पाइक न उसासीयई, हिवा हाथीया आश्वासीयहं । मउड़उ धाम उड़वडइ, रेवत. रडवडइं । पडिमा पचायण नी परि हाकइं, रोस लगी मुँछ मूंछफरकावई । रथ चक्र चापीति करोड कडकड़इ, वेताल हडहडइ । भाग्यवंत जय लक्ष्मी वरइ, आपण कान करइ | १२२ (स० १) ६८ युद्ध-वर्णन (४) चीर मादल वाज्या, सूर साज्या । जय ढक्क वाजी, नीसत नीकली गया लाजी । कहायह, नेजा लहलहायइ । त्रिभुवन लवलवा लागा, माहोमाहि वंइर जाग्या । सूर्य्यं श्राछदिउ, रजो गण उन्मादिउ । सेष सलसलिउ, दिग्गज हलवलिउ । श्रदि वराह घुरहरिउ, उच्चैथवा घरहरिउ | - परदल मिलइ, चींघ चलवलइ । -नीसाण वानइ, नाणे श्राकासि मेघ गाजइ । रथ थडहडइ, रण काहल त्रडनडइ | गर्जेन्द्र गडगडइ, घोडे पाखर पडइ । छत्रीस दंडायुध भलहलह, कायर खलभलइ । पृथिवी चलचल, समुद्र झलझलइ । शेष सलसलाइ, सूर सामला हलफलइ । कापुरुष टलवल, हाथीया गुलगुलह । कार ना मनोरथ फलइ । अति रागी रा मन छूडायइ, रूडा रणक्षेत्र सूडाइ | चित्त ढोल ढमकई, चमकइ ।' प्रतिहि फार, फुंकार, हुंकार । सुह इसइ, अंगि ऊधसइ । ! वीर किलकिलह, सूरना टोल मिलइ । बिहुँ दल विचालि प्रधान फिर, थापिउ भूझ सिरह ।
SR No.010755
Book TitleSabha Shrungar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta
PublisherNagri Pracharini Sabha Kashi
Publication Year1963
Total Pages413
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy