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________________ २६ स्मरण कला पंचम साधन बराबर सम वैठकर आँखें बन्द करो। वातावरण में कौन सी कौन सी प्रकार की आवाज हो रही है, उनकी नोध लो-मन मे सूची बनाओ और हर एक अावाज किस चीज को है, यह समझने का प्रयत्न करो। यह अभ्यास तब तक चालू रखो जब तक कि दूर की आवाज को भी वरावर सुन सको। छठा साधन अतीत काल के हुए व्यवहारों का पिछले क्रम से याद करो। उसी रीति से उसके अगले दिन मे भी याद करो। यह क्रम एक सप्ताह तक बनायो। सात दिन तक की घटनाओं का इस क्रम से स्मरण करो। सप्तम साधन विगत महीने की खास खास घटनाओं को याद करो, फिर उसके अगले महीने की घटनाओ को भी याद करो। यह क्रम बारह मास तक ले जाओ, वह बराबर हो इसलिए इस क्रम को वर्ष बार पीछे ले जाओ। कुल सोलह वर्ष तक की घटनाओ को इस रीति से याद करो। अष्टम साधन आँखे बन्द करो। मन मे पाठ पंखुड़ी वाले एक कमल की कल्पना करो। उसके मध्य भाग मे ॐकार की स्थापना करो, उसमे चित्त को एकाग्न करो। निरन्तर थोड़े समय के लिए यह अभ्यास चालू रखो। नवम साधन आँखें बन्द करो। किसी भी प्रकार के विचार मन मे न आए, वैसे प्रयत्न करो। इस अभ्यास का प्रारम्भ दो मिनट से शुरू करके ४८ मिनट तक ले जाओ। दशम साधन अाँखे बन्द करो। निम्नलिखित विषयों के सिवाय कोई भी विषय पर विचारणा करो।
SR No.010740
Book TitleSmarankala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhirajlal Tokarshi Shah, Mohanlalmuni
PublisherRajasthan Prakrit Bharti Sansthan Jaipur
Publication Year1980
Total Pages293
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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