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________________ स्मरण कला, १२३ ८. सूया-लाठी-सूआ लाठी पर सूवे का चित्र है। ६. उल्लू-पाट-उल्लू घोंसले से पाट पर आ बैठा है। १०. नदी-खाट-नदीतूफानी बना और उसने खाट को उलट डाला। (२) अब सुने हुए १० नामअहमदाबाद, चमन लाल, चतुर भाई, गोकलदास, बगवाड़ा, इलोरा, आनन्द, मनुष्य, भैस, रोझ। - इनका सम्बन्ध ११ से आगे जोडे, जैसे कि११' नाना-अहमदाबाद-मेरे नाना अहमदाबाद गये है और अहमदाबाद ही रहेगे, क्योकि उन्हें वहाँ बहुत अानन्द आता है। . १२. नारी-चमनलाल-इस नारी के पति का नाम चमनलाल है । नारी भी आनन्दी है और चमनलाल तो नाम के अनुरूप ही गुणवाला है। १३ नग-चतुरभाई-पर्वत पर कौन चढ रहा है ? चतुर भाई ! चतुर भाई पर्वत पर चढ़ रहे है। पर वहाँ उनकी चतुराई चलने की नही । १४. नौजा-गोकुल दास-प्रचण्ड भीड़ मे गोकुलदास हरे नौजो का थैला लेकर चल रहा था। १५ नप्पु-बगवाडा-नप्पु बगवाडे का है इसलिए काम भी बिगडने का है। १६ नीम-इलोरा-इलोरा की यात्रा मे नीम के वृक्ष बहुत देखे । १७ नाव-पानन्द-नाव की यात्रा मे खूब आनन्द प्राता है । १८. नशा-मनुष्य-नशा करने वाले मनुष्य मनुष्यता से बहुत दूर हो जाते है। १९ नल-भैस-नल के नीचे भैस पडी है, ऊपर पानी गिर रहा है। २०. रद्दी-रोझ-जानवरों मे रोझ रद्दी होता है क्योकि उसमे समझ बहुत कम होती है । (३) १० सख्या के खण्ड, उन्हें २१ से ३० तक जोडना चाहिए, उनके उदाहरण ऊपर के मुताबिक समझ लेने चाहिए ।
SR No.010740
Book TitleSmarankala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhirajlal Tokarshi Shah, Mohanlalmuni
PublisherRajasthan Prakrit Bharti Sansthan Jaipur
Publication Year1980
Total Pages293
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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