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________________ स्मरण कला ११३ | २६, २७ । २८ २९ । ३० लम्बी पक्ति की अपेक्षा इस प्रकार के सयोजन से वस्तुओ की स्मृति अधिक सरलता व सुस्पष्टता से सभव है । __ 'अव इन खानो मे तुम क्रमश निम्नलिखित वस्तुओ की कल्पना करो ४ वकरा १ धान्य का देर २ बडी करोत ३ आग की लपटें ५ पानी . का प्रवाह ६ ग्राम का वृक्ष ७ यवो का ढेर ८ पिंजरे - मे तोता ९ उल्लू १० बलद १३ पर्वत १४ प्याले मे नोजा - १५ नप्पु नौकर नाना १९ पानी का नल २० रद्दी नीम नाव नशा २१ रन - जगल २२ रु रु मृग २३ रगीन गेंद २४ रोजा. २५ रूप २६ राम । २७ रवि . २८ रस्सी २९ रास्ता ३. गदा ___ इस यत्र मे क्रम की जगह तुम्हे वस्तुएं ही समझ लेनी चाहिए । अब सख्या को धारण करने के लिए अक तथा व्यजनों के बीच निम्नलिखित सकेत सयोजित करने चाहिए ।। । - न, ण, क, ख
SR No.010740
Book TitleSmarankala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhirajlal Tokarshi Shah, Mohanlalmuni
PublisherRajasthan Prakrit Bharti Sansthan Jaipur
Publication Year1980
Total Pages293
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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