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________________ पञ्चाङ्ग सम्बन्धी विचार ३४३ इस उपसमिति की प्रथम वैठक २३ जनवरी १६२५ को अमृतसर मे करके उसका नाम 'पत्री निर्णय कमेटी' रखा गया । इसका प्रधान लाला हरजस राय बी० ए० को तथा मन्त्री लाला मोतीराम को चुना गया। ___इसके पश्चात् इस उपसमिति मे आठ प्रश्न बना कर उनक उत्तर मंगवाने के लिये श्री पूज्य महाराज की सेवा मे भेजा गया। इस समिति की २६ जुलाई १६२५ की गुजरांवाला की मीटिंग में सर्वसम्मति से १४५ प्रश्न तयार करके वह भी पूज्य महाराज की सेवा में भेज दिये गए। पूज्य महाराज ने १८, १६ तथा २० दिसम्बर १९२५ को चारों सदस्यों की उपस्थिति में इन प्रश्नों के उत्तर लिखवाए। बाद मे उत्तर लिखने का काम उपसमिति ने अकेले लाला हरजस राय पर छोड़ दिया। उन्होंने इस कार्य को ११ मई १६२६ तक पूर्ण किया। १ दिसम्बर १९२६ को इन उत्तरों पर विचार करने के लिये उपसमिति की बैठक लाहौर में हुई। इसमे रिपोर्ट के लिखने का कायें लाला मुल्खराज जी वी० ए० गुजरांवाला तथा लाला जगन्नाथ जी नाहर पट्टी वालों को दिया गया। बाद मे लाला मुल्ख राज ने भी अपना काम लाला जगन्नाथ नाहर के जिम्मे ही कर दिया । किन्तु लाला जगन्नाथ नाहर द्वारा लिखी हुई इस रिपोर्ट को लाला मुल्ख राजजी बी० ए० तथा लाला हरजसराय जी बी० ए० ने पसन्द न कर उसे पक्षपातपूर्ण माना और अपनी ओर से एक स्वतन्त्र रिपोर्ट लिखी। इस रिपोर्ट को ४ जून १९२८ तक पूर्ण किया गया। इस रिपोर्त को श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन सभा द्वारा 'रिपोर्ट पत्री निर्णय कमैटी' नाम से सन् १९२८ के अन्त में छपवा कर प्रकाशित किया गया ।
SR No.010739
Book TitleSohanlalji Pradhanacharya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shastri
PublisherSohanlal Jain Granthmala
Publication Year1954
Total Pages473
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size18 MB
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