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________________ (१९५) ऐसी हानिकारक घातकी चालको आपके हाथ से ही बन्द करना यही सबसे उत्तम है । अपने महान दयालु बृटिश सरकारने राजपूताने में वालहत्या होनेका अटकाया, सती होनेकी चाल बन्द की इत्यादि हिन्द लोगोंके कुरिवाजों में बहुत कुछ सुधारा किया गयाहै, वैसेही जाहिर रास्ते में दिलकाप उठ आवे ऐसा शरीर पर घातकीपना करनेवालों को सरकार मना कर सकती है। परन्तु हरएक सामारिक मुधारे आप अपने हायसे ही करेउसीमें ज्यादा मान और शोमा है। इसमे आपकी जगह जगह प्रशसा होगी, और लोग वस परपरा तक आशीर्वाद देंगे। ऐसे पुण्यके काम करनेसे आपकी आत्मा सदगति भोगेगी। मृत्यु के बाद मे जीमना. ----KIKAH--- मृत्युके बाद रोने कूटनके साथ ' जीमनारका बहुत निकट सबध है । इसमे मृत्युके बाद जीमनगारके विषयमें दो वोल वोले जावें तो अनुचित नहीं है। जगतका स्वाभारिक नियम है कि हरएक मनुष्य आनन्द यश और समागमकी आकाक्षा रखते हैं। उमके हरएक काममें और उसके हरएक सम्बन्धमें और उसके हरएक तरगर्म हरएक मनुष्य ऐसी इच्छा रखते हैं कि मुझे फलाना काम करनेमें आनन्द मिलता है इमलिये वह काम करना चाहिये, फलाने काममें यश मिगह इसलिये दुसरे काम करनेको
SR No.010736
Book TitleJain Nibandh Ratnakar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand J Gadiya
PublisherKasturchand J Gadiya
Publication Year1912
Total Pages355
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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