SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 85
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( ७७ ) ___ अल्प होनसे अणुव्रत कहे जाते है. प्रश्न १३ गृहस्थके अणुव्रत कोनसे कोनसे है ? उत्तर---स्थूल (बडी) हिसा, झूठ, चोरी, मैथुनका त्याग और परिग्रहका प्रमाण रखे, वह गृहस्य के पाच अणुव्रत है. प्रश्न १४ स्थूल हिंसासे छूट जाना वो कैसे ? उत्तर--निरपराधी, त्रस जीवकी निष्कारण जान बुझके हिंसा न करे, सो स्थूल हिंसासे मुक्त होना कहा जाता है. प्रश्न १५ स्थूल जूठसे बच जाना सो क्या ? उत्तर कन्या, पशु, भूमि संबंधी नाहक झूठ बोलना, कोर्ट अदालतमें जाकर जूठी गवाह देना और खोटे दस्तावेज बनाना यह पांच बडे जूठोंसे अलग हो जाना उस्को स्थूल असत्य विरमण व्रत कहते है. प्रश्न १६ स्थूल अदत्त-चोरीका त्याग व्रत किस तरह है ? उत्तर----जान बूझकर चोरी करनी, या चोरीका माल खरीदना, पिराया माल हजम कर जाना, विश्वासघात करना, अच्छी बूरी चीजोंको एकत्र मिलाना और जकात-दाणचोरी करना. मतलब जिसे राजदंडका भय प्राप्त होय सोही चोरी कही जाती है. यह उक्त कथित पाच भेद अदत्तका त्याग करे. प्रश्न १७ स्थूल मैथुन त्याग किसको कहते है ? उत्तर परस्त्री, वेश्या, विधवा, या बालकुमारी इन्होंके साथ. अत्याचार-संभोग करनेका बिलकुल त्याग करके अपनी विवाहिता स्त्री संतोष करे. ( स्त्री अपने पति संतोष करें ). तो स्थूल मैथुन - त्याग व्रत कहा जाता है. प्रश्न १८ परिग्रह प्रमाण किरकों कहा जाता है ? उत्तर--धन, धान्य वगैरेः नव प्रकार के परिग्रह का प्रमाण अर्थात्
SR No.010725
Book TitleSadbodh Sangraha Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKarpurvijay
PublisherPorwal and Company
Publication Year1936
Total Pages145
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy