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________________ ( ७५) विविध विषयाक प्रशोत्तर संग्रह 23, 343-3 -- - 3. प्रश्न १ धर्म कितने प्रकार के हैं ? उत्तर गृहस्थ धर्म और यति–साधु धर्म यह दो प्रकार के है.. प्रश्न २ गृहस्थ धर्म किसको कहते है ? उत्तर--गृह (धर ) वासमें रहकर श्री जिनेश्वर देवोक्त तत्व श्रद्धापूर्वक बन सके, तैसे व्रत, पच्चखाण करे उस्को गृहस्थ धर्म कहा जाता है. प्रश्न ३ साधु-यतिधर्म किसको कहते है ? उत्तर--गृहस्थावास त्यागकर पाच महाव्रत अंगिकार करकेरात्रिभाजन त्याग व्रत आदिके लीये सख्त नियम धारन करके गृहस्थोको बोध दना सो साधुधर्म कहा जाता है. प्रश्न ४ पाच महाव्रत कोनसे है? उत्तर बिलकुल जीवहिंसा, झूट, चोरी, मैथुन और परिग्रह इन सबका त्याग यह पांच महान व्रत है. प्रश्न ५ बिलकुल जीवहिसाका त्याग किस रीतिसे पालना चाहिये ? उत्तर किसी जीवको राग द्वेषसे नाश करना नहिं, नाश करानेकी सन्मतीभी न दें और जो कोइ शख्स नाश करता हो उसकी अनुमोदना ( अच्छा करता है ! ठीक किया है ! ऐसा कहना) भी मन वचन और कायासे न कर, उस्को अहिंसाधर्म पालन करा कहा जाता है. प्रश्न ६ विलकुल झूट बोलनेका त्याग किस प्रकारसे पाले ? उत्तर क्रोध, मान, माया, लोभ, भय या हास्यसें थोडा भी झूट न बोले. . प्रश्न ७ बिलकुल माल धनीके दिये शिवाय कुछ भी चीज न लेवे
SR No.010725
Book TitleSadbodh Sangraha Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKarpurvijay
PublisherPorwal and Company
Publication Year1936
Total Pages145
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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