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________________ दो शब्द उदयपुर विद्यापीठ गत दस वर्षों से अपनी विविध संस्थाओं द्वारा राजस्थान में शिक्षणात्मक, साहित्यिक, सांस्कृतिक और लोकोत्थान का कार्य कर रही है तथा अब वह संपूर्ण विद्यापीठ का रूप ग्रहण कर चुकी है । महाविद्यालय, श्रमजीवी विद्यालय, - कलाकेन्द्र, सरस्वती मन्दिर (जिसमें प्राचीन साहित्य शोध-संस्थान संयुक्त है) महात्मा, गांधी लोक शिक्षण विद्यालय, मोहता आयुर्वेद सेवा सदन, प्रगतिशील प्रकाशन संस्थान (जिसमें विद्यापीठ प्रेस संयुक्त है ), राम सन्स टेक्निकल इंस्टीट्यूट और जनपद इसकी संस्थाएं हैं। सरस्वती मन्दिर साहित्यिक-सांस्कृतिक निर्माणात्मक एवं शोध सम्बन्धी कार्य करने की योजना के साथ अग्रसर हो रहा है । इसके लिये मेवाड़ सरकार ने कृपा कर शहर के निकट ही सात बीघा जमीन भी बिना मूल्य लिये प्रदान की है, जिसके लिये वह हमारे धन्यवाद की पात्र है। प्राचीन साहित्य शोध-संस्थान के सामने अन्य प्रवृत्तियो के साथ राजस्थान में हिन्दी के हस्तलिखित ग्रन्थों की खोज का विस्तृत और महत्त्वपूर्ण कार्य भी है। राजस्थान में हिन्दी के हस्तलिखित ग्रन्थो की खोज भाग २ का प्रकाशन बहुत विलम्ब से हो रहा है और इसके बाद आगे के दो भागों के मुद्रण का कार्य भी शेष है । आशा है अब शीघ्र ही शोध-संस्थान इनको प्रकाशित करने में समर्थ होगा। ___संस्थान श्रीयुत्, अगरचन्दजी नाहटा का अत्यन्त आभारी है, जिन्होंने इस महत्त्वपूर्ण प्रन्थ को बड़े परिश्रम, अनुभव और ठोस अध्ययन के आधार पर तैयार किया है। इस कार्य में हमें श्रीयुत् , नाहटाजी से बहुत आशा है और वे पूर्ण होंगी-इसमें सन्देह नहीं। मेवाड़ सरकार ने कृपा कर अपनी विशेष स्वीकृति से १००० ) रु० की सहायता इस ग्रन्थ के प्रकाशनार्थ प्रदान की है। इसके लिये संस्था सरकार को हार्दिक धन्यवाद देती है और आशा करती है कि इस महत्वपूर्ण ग्रन्थमाला के आगामी प्रकाशनों के लिये भी मुद्रण का अधिकांश व्यय प्रदान करेगी। __श्रीयुत्, छोटेलालजी जैन, कलकत्ता ने कृपा कर प्रस्तुत ग्रन्थ के लिये अपना प्राक्कथन लिखना स्वीकृत किया तदर्थ हम आपके बहुत आभारी है। उदयपुर विद्यापीठ . अर्जुनलाल महता कार्तिक कृष्ण ७, २००४ वि० पीठ मन्त्री
SR No.010724
Book TitleRajasthan me Hindi ke Hastlikhit Grantho ki Khoj Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta
PublisherPrachin Sahitya Shodh Samsthan Udaipur
Publication Year
Total Pages203
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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