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________________ करने के कारण ) ग्रन्थों के ही विवरण लिये गये हैं। प्रारंभिक खोज के समय हिन्दी ग्रन्थों की इतनी अधिक उपलब्धि नहीं हुई थी अतः अन्य प्रान्तीय भाषाओं के विवरण भी उन्हें हिन्दी की शाखा मानकर साथ ले लिये गये, वह अनुचित नहीं था। पर अब जव हिन्दी के ही हजारो ग्रन्थों का पता चल चुका व चल रहा है, अन्य भाषा के साहित्य को भी साथ में निभाये जाना भारी पड़ जाता है। राजस्थानी ग्रन्थो का विवरण-ग्रन्थ स्वतंत्र रूप से प्रकाशित किया जायगा एवं उसके साहित्य का इतिहास भी प्रकाशित करने का मेरा विचार है । कवि-परिचय में भी समस्त कवियों का यथाज्ञात संक्षिप्त परिचय दिया गया है एवं परिशिष्टत्रय में अज्ञातकर्तृक ग्रन्थ एवं ग्रन्थकार और अपूर्ण प्राप्त ग्रन्थों की सूची देदी गई है। अब इस ग्रन्थ की कुछ अन्य आवश्यक बातों का परिचय भी करा दिया जाता है जिससे सरसरी तौर से ग्रन्थ के सम्बन्ध में जानकारी हो जाय (१) प्रस्तुत ग्रन्थ १२ विभागों में विभक्त है जिनके नाम एवं विवरण लिये गये ग्रन्थो की संख्या इस प्रकार है विषय . पृष्ठ ग्रन्थ १. (क) नाममाला (कोष) पृ० १ से ८ १० २. (ख) छंद पृ०९ से १४ (ग) अलंकार - पृ० १५ से ३७ ४. (घ) वैद्यक पृ० ३८ से ५४ (ड) रत्नपरीक्षा पृ० ५५ से ६० ६. (च) संगीत पृ०६१ से ६८ ७. (छ) नाटक पृ० ६९ से ७० ८. (ज) कथा पृ०७१ से ९१ ९. (म) ऐ० काव्य पृ० ९२ से ९८ १०. (ब) नगर-वर्णन पृ० ९९ से ११६ ३२ ११. () शकुन सामुद्रिक' ज्योतिप, स्वरोदय, रमल, इन्द्रजालपृ० ११७ से १३४ २८ १२. (ड) हिन्दी ग्रन्थों की टीकायें पृ० १३५ से १४० ४ ग्रन्थ
SR No.010724
Book TitleRajasthan me Hindi ke Hastlikhit Grantho ki Khoj Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta
PublisherPrachin Sahitya Shodh Samsthan Udaipur
Publication Year
Total Pages203
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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