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________________ [ १४८ साहित्यिक विद्वान् द्वारा इसकी सटीक प्रति के गद्य को इनका रचित मान लेना था। परवर्ती विद्वानों ने इस भूल को बहुत वर्षों तक चलाये रखा पर अन्त में स्वामी नरोत्तमदासजी', बाबू पूर्णचन्दजी नाहर और हमने अपने लेखों में इसका सुधार किया। हमारे अन्वेषण से जटमल के अन्य कई ग्रन्थ प्राप्त हुए उन सबका परिचय हमने हिन्दुस्तानी पत्रिका के वर्ष ८ अंक २ में 'कविवर जटमल नाहर और उनके ग्रन्थ शीर्षक लेख मे प्रकाशित किया था। प्रस्तुत ग्रन्थ में 'प्रेम विलास चौपाई, 'लाहोरगजल' और 'झिगोर गजल' के विवरण प्रकाशित हैं। इनमें से प्रेमविलास चौपाई के सम्बन्ध में स्वर्गीय सूर्यनारायणजी पारीक का एक लेख वीणा सन् १९३८ में प्रकाशित हो चुका है और 'लाहौरगजल' 'जैनविद्या' नामक पत्रिका में प्रकाशित हो चुकी है। मिंगोर गजल' अभी तक अप्रकाशित है। आपकी अन्य रचनाएं, बावनी, सुन्दरीगजल और फुटकर सवैये हमारे संग्रह में है । जंटमल-ग्रन्थावली का हमने संपादन किया है और वह प्रकाशन की प्रतीक्षा में है। मिश्रबन्धुविनोद के पृ०४०७ में भी जटमल का उल्लेख है। (३०) जयतराम ( १२८)-इन्होंने 'योग प्रदीपिका स्वरोदय' सं० १७९४ विजया दशमी को बनाया। (३१) जयधर्म (१२३ )-ये जैनयति लक्ष्मीचन्दजी के शिष्य थे । इन्होने सं० १७६२ कातिक बदि ५ को पानीपत में नन्दलाल के पुत्र गोवर्धनदास के लिये 'शकुन प्रदीप' नामक ग्रन्थ वनाया। (३२) जर्नादन गोस्वामी (२२)-इनके रचित 'दुर्गसिंह शृंगार' ग्रन्थ का विवरण प्रस्तुत ग्रन्थ में दिया गया है । इसकी प्रति प्रारम्भ में त्रुटित प्राप्त होने से । दुर्गसिह एवं कवि का विशेष परिचय ज्ञात नहीं हो सका। इस ग्रन्थ की रचना सं०१७३५ ज्येष्ठ सुदि ९ रविवार को हुई थी । आपके रचित व्यवहार निर्णय सं० १७३७ और लक्ष्मी नारायण पूजासार (बीकानेर के महाराजा अनूपसिहजी के लिये रचित) की प्रतिये अनूप संस्कृत लाइब्रेरी में विद्यमान है । ___ खोज रिपोर्टों के आधार से हस्तलिखित हिन्दी पुस्तकों का संक्षिप्त विवरण भाग १ के पृ० ४९ में जनार्दन भट्ट के ( १ ) बालविवेक (२) वैद्यरत्न (३) हाथी का शालिहोत्र और मिश्रवन्धुविनोद के पृ० १०७८ में इन ग्रन्थों के अतिरिक्त कविरत्न नामका चौथा ग्रन्थ भी इन्हीं के द्वारा रचित होने का उल्लेख किया है। १ प्र. नागरी प्रचारिणी व. १४ अ. ४ । २ प्र० विशाल भारत, दिसम्बर १९३३ ।
SR No.010724
Book TitleRajasthan me Hindi ke Hastlikhit Grantho ki Khoj Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta
PublisherPrachin Sahitya Shodh Samsthan Udaipur
Publication Year
Total Pages203
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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