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67 जोवे कम्म बद्ध पुटु चेदि ववहाररणयभरिगद | सुद्धरणयस्स दु जीवे श्रबद्धपुट्ठ हवदि कम्मं ॥
68 कम्मं बद्धमवद्ध जीवे एद तु जारण गयपक्खं । यपक्खातिक्कतो भण्ादि जो सो समयसारो ॥
69 दॉण्ह वि णयाण भणिद जाणदि णवरि तु समयपडिवद्धो । रग दु गयपक्ख गिण्हदि किचि वि रायपक्खपरिहीणो ॥
70 सम्मद्दसरगरगाण एसो लहदि त्ति णवरि ववदेस " सव्वरणय पक्खरहिदो भरिदो जो सो समयसारो ॥
71 कम्मसुहं कुसील सुहकम्म चावि जागह सुसील । किह त होदि सुसील ज संसारं पवेसेदि ॥
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72 सोवण्णिय पि रियल बघदि कालायसं पि जह पुरिस बधदि एव जीव सुहमसुह वा कदं कम्म 11
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समयसार