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________________ में उसका पतन वालू की दीवाल की तरह हो जाएगा। इस प्रकार देश की . . असली सुरक्षा उसकी आन्तरिक चेतना की दिव्यता और भव्यता में निहित है। सन्त जन इस चेतना को जागृत करने, जागृत रखने और विकसित करने में सदा... संलग्न रहते हैं । वे मानव समाज को अपने संकीर्ण स्त्रार्थ से पर उठ कर . व्यापक हित का विचार करने की प्रेरणा देते हैं और सब के हित में अपना .... हित मानने की बुद्धि प्रदान करते हैं । अतएव राष्ट्र के ठोस और आधारभूत हित और संरक्षण में उनका योग असाधारण है । प्रत्येक वर्ग का कर्तव्य पृथक्-पृथक होता है। मजदूर अपनी जगह रह कर और अपने कर्तव्य का पालन करके देश की सेवा करता है। किसान अधिक उपज बढ़ाकर सेवा करता है उद्योगपति अपने ढंग से सेवा कर सकता है । अगर सभी वर्ग एक ही ढंग अखत्यार कर लें तो देश का काम चल नहीं सकता। इसी प्रकार सन्त समाज अपनी मर्यादा में रह कर ही देश की सेवा करता है । . वह देशवासियों में उन सद्गुणों के विकास का प्रयत्न करता है जिनके अभाव. .. में देश की प्रात्मा सबल नहीं हो सकती, सुरक्षा भी संभव नहीं है। ... . जम्बूद्वीप के चारों ओर खाई की तरह फैला हुआ समुद्र जम्बूद्वीप को आप्लावित क्यों नहीं कर देता? यह प्रश्न श्रीगौतम ने भग० महावीर से पूछा। महावीर स्वामी ने उत्तर दिया यह अनादिकालिक मर्यादा है। इसके अतिरिक्त इस में अनेक सन्तों, सतियों और भक्तों की विद्यमानता है, इस कारण भी यह ... : प्राप्लावित नहीं होता। तेजस्वी साधना वाला यदि किसी नगर में मौजूद हो तो वह उस नगर को बचा सकता है । अगर सभी लोग आत्मबल को बढ़ावें तो देश का कल्याण होगा । संकट काल में आध्यात्मिक वल बहुत लाभकारी हो सकता है । मैं पापको यही प्रेरणा करना चाहता हूँ कि आगमों के आधार पर चलो और आर्य संस्कृति को भूलने के बजाय अपने जीवन में उसको अधिक से अधिक ... स्थान दो। शासक और शासित दोनों उदारतापूर्वक कार्य करें, समझदारी - अपनाएं जिससे किसी की भूल से किसी को हानि न हो ।
SR No.010710
Book TitleAadhyatmik Aalok Part 03 and 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHastimal Maharaj, Shashikant Jha
PublisherSamyag Gyan Pracharak Mandal
Publication Year
Total Pages443
LanguageHindi, Sanskrit, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Discourse
File Size23 MB
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