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________________ [ ३ ] ५. राजस्थानी साहित्य के प्राचीन और महत्वपूर्ण ग्रन्थों का अनुसधान, सम्पादन एव प्रकाशन हमारी साहित्य-निधि को प्राचीन, महत्वपूर्ण और श्रेष्ठ साहित्यिक कृतियो को सुरक्षित रखने एव सर्वसुलभ कराने के लिये सुसम्पादित एवं शुद्ध रूप मे मुद्रित करवा कर उचित मूल्य मे वितरित करने की हमारी एक विशाल योजना है। सस्कृत, हिंदी और राजस्थानी के महत्वपूर्ण ग्रथो का अनुसघान और प्रकाशन संस्था के सदस्यो की ओर से निरतर होता रहा है जिसका सक्षिप्त विवरण नीचे दिया जा रहा है६. पृथ्वीराज रासो पृथ्वीराज रासो के कई सस्करण प्रकाश मे लाये गये हैं और उनमे से लघुतम संस्करण का सम्पादन करवा कर उसका कुछ अश 'राजस्थान भारती' मे प्रकाशित किया गया है । रासो के विविध सस्करण और उसके ऐतिहासिक महत्व पर कई लेख राजस्थान-भारती प्रे प्रकाशित हुए हैं। ७. राजस्थान के अज्ञात कवि जान (न्यामतखां) की ७५ रचनामो की खोज की गई। जिसकी सर्वप्रथम जानकारी 'राजस्थान-भारती' के प्रथम अंक में प्रकाशित हुई है । उसका महत्वपूर्ण ऐतिहासिक काव्य 'क्यामरासा' तो प्रकाशित भी करवाया जा चुका है। ८. राजस्थान के जैन सस्कृत साहित्य का परिचय नामक एक निवध राजस्थान भारती में प्रकाशित किया जा चुका है। ६. मारवाड क्षेत्र के ५०० लोकगीतों का संग्रह किया जा चुका है। बीकानेर एव जैसलमेर क्षेत्र के सैकहो लोकगीत, घूमर के लोकगीत, बाल लोकगीत, लोरिया और लगभग ७०० लोक कथाएँ सग्रहीत की गई है। राजस्थानी कहावतो के दो भाग प्रकाशित किये जा चुके हैं। जीणमाता के गीत, पावूजी के पवाडे और राजा भरथरी आदि लोक काव्य सर्वप्रथम 'राजस्थान-भारती' में प्रकाशित किए गए हैं। १० बीकानेर राज्य के और जैसलमेर के अप्रकाशित अभिलेखो का विशाल मग्रह 'वीकानेर जैन लेख संग्रह' नामक वृहत् पुस्तक के रूप में प्रकाशित हो चुका है।
SR No.010707
Book TitlePadmini Charitra Chaupai
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal Nahta
PublisherSadul Rajasthani Research Institute Bikaner
Publication Year1953
Total Pages297
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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