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________________ Prittot.irist.itattiiiiiiiiii बनारसीविलासः ३ t-kritutetikkit-krkuteketitutikt.kettrkutekt.kok-krt.ntetst.titut.ktituttitutet-tet हलधर पदम मुरारि हरि, ब्रह्मदत्त चक्रीस ।. पास जिनेसुर वीर जिन, ये नर तीनंत्रिवीस ॥ ९॥ सोरा। त्रिभुवनमाहिं उदार, त्रेशठ पद उत्कृष्ट जिय । भाविभूत उपचार, वन्दै चरण वनारसी ॥ १० ॥ तीर्थकर नामावली-पट्पद । ऋषभ अजित संभव जिनंद, अभिनंद मुमति घर । श्रीपदमप्रम श्रीमुपास, चन्द्रप्रम जिनवर ।। सुविधिनाय शीतल श्रेयांसमभु वासुपूज्य र । विमल अनन्त सुधर्म शांति जिन कुंथुनाथ अर ॥ प्रभु मल्लिनाथ त्रिभुवनतिलक, मुनिसुव्रत नमि नेमि नर । पारस जिनेश वीरेश पद, नमति बनारसी जोर कर ॥११॥ चक्रवर्तिनाम-दोहा। भरत सगर मधवा सनत, कुँवर शांति कुंथेश । * अर सुभौम पदमारुची, जय हर्षेण ब्रह्मेश ॥ १२ ॥ प्रतिनारायण नाम दोहा । अश्वग्रीव तारक मधू, मेरु निशुंभ प्रहलाद । बलिराजा रावण जरा, सन्ध सुप्रतिहरिवाद ॥ १३ ॥ नारायणनाम-दोहा। त्रिपिप द्विपिष्ट खयंभु पुरुषोत्तम नरसिंहेश । पुण्डरीक दत्ताधिपति, लछमण हरिमधुरेश ॥ १४ ॥ मी श्रीकृष्ण (२) २०१०o++३-४३.६ दलदेव, rat मारमा Ruint.inthintuitettitutitutetitutetntatitutntitatidratatutetstatutetstttat-titutet-t-t: - - P
SR No.010701
Book TitleBanarasivilas aur Kavi Banarsi ka Jivan Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathuram Premi
PublisherJain Granth Ratnakar Karyalay
Publication Year
Total Pages373
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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