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________________ www चनारसीविलासः NNNNAnAMAA अथ त्रेशठशलाकापुरुषोंकी नामावली, वस्तुछन्द | नमो जिनवर नमो जिनवरदेव चौवीस । १०१ नरद्वादश चक्रधर, नव मुकुन्द नव प्रतिनारायण । नव इलधर सकल मिलि, प्रभु त्रेशर शिवपथपरायण ॥ ए महंत त्रिभुवनमुकुट, परमधरमधनधाम । ज्यों ज्यों अनुक्रम अवतरे, त्योंत्यों वरनों नाम ॥ १ ॥ सोरठा । क्रेई तद्भव सिद्ध निकटभव्य केई पुरुष । मृपाठि उरविद्ध, लुमति शलाकाघर सकल ॥ २ ॥ वस्तुछन्द ऋषभजिनवर ऋषभजिनवर भरतचकीश । श्रीअजित जिनेश हुव, सगरचति संभवतीर्थकर । अभिनंदन सुमति जिन, पद्मप्रभ ग्रुपास श्रीशंकर || श्रीचन्द्रमभु सुविध जिन, शीतल जिन श्रेयांश । अभ्वग्रीव प्रतिहर मयो, हलघर विजय सुवंश || ३ || सोरठा । हरि त्रिपृष्टि जिन जाय, वासुपूज्य जिन द्वादशम | तारक प्रतिहरि वाय, हलधर अचल द्विपुष्टि हरि ॥ ४ ॥ वस्तुछन्द । विमल जिनवर विमल जिनवर मे प्रतिविष्णु । ५ मेरक. Marat
SR No.010701
Book TitleBanarasivilas aur Kavi Banarsi ka Jivan Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathuram Premi
PublisherJain Granth Ratnakar Karyalay
Publication Year
Total Pages373
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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