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________________ ન્યાયવિહારદ્ર ન્યાયાવાર્ય મહોપાધ્યાય શ્રીમદ્ ધરોવિનયનીત अन्थोनी यादी. [वि. सं. २०१८] संस्कृत-प्राकृत भाषाना उपलब्ध ग्रन्थी नोध-अहींआ विस्तृत सूची रजू थाय छे. आज सुधीमां तोश्रीना नामे अन्य मुद्रित प्रन्योमा अनेक यादीओ प्रगट थयेली छे ते पैकी आ यादी सहुथी शक्य एटली वधु चोकमाई करीने, व्यवस्थितरीते अने नवा घणा अन्योने आमेज करवा पूर्वक प्रगट थई रही छे अलबत अन्यातर्गत आपला केटलाक नाना नाना वादोने रजू कर्या नथी अहीं आपेला नामोमा-केटलाक प्रन्योना, तेनी हस्तलिखित प्रतमा-नामान्तरोपण जोवा मल्या छे एमना नामे खोटी रीते चढेली कृतिओनी नोंध अत्रे नथी आपी पळी कोई कोई कृतिओ एमनीज छे के केम ? ते हजु प्रश्नार्थक रुपेज रही होवाथी तेनी नोंध पण नथी आपा वळी अद्यावधि अज्ञात रहेली लिओ आपणाज ज्ञानमंडारोना लीस्टोमा पोजाना नामे चढली छे तेमज आग पाछल तोश्रीनुं नाम न होवानी कारणे अनामी तरीकेज उल्लिखित थयेली केटलीक कृतिमओ, भविष्यमा हस्तगत थवा सभव छे १ अध्यात्ममतपरीक्षा १३ गुरुतत्त्वविनिश्चय ३० प्रतिमाशतक સ્વોપટીકા સહ __खोपशटीका सह તોપજ્ઞટીસદ્દ २ अध्यात्मसार १४ जैन तर्कभाषा ३१ प्रतिमास्थापनन्याय ३ अध्यात्मोपनिषद १५ ज्ञानविन्दु ३२ प्रमेयमाला *४ ४ अनेकान्त [मत व्यवस्था १६ ज्ञानसार ३३ भाषा रहस्य [अपरनाम-जनत] १७ ज्ञानार्णव * તોપાટી સહુ ५ अस्पृशतिवाद खोपज्ञटीका सह [पादमालानु एक प्रकरण] १८ डिस्चयोक्ति *x ३४ मार्गपरिशुद्धि ३५ यतिदिनचर्या ६ आध्यात्मिकमतपरीक्षा , १९ देवधर्मपरीक्षा [अपरनाम-आध्यात्मिकमत- २० द्वात्रिंशद्वात्रिंशिका ३६ यतिलक्षणसमुच्चय ३७ वादमाला વઠ્ઠન વોપન્નરીજા સ ] खोपशटीका सह ७ आत्मख्याति २१ धर्मपरीक्षा ३८ वादमाला बीजी *x खोपशटीका सह ८ आराधकविराधक ३९ वादमाला त्रीजी #x ૨૨ નયમદ્વિીપ ४० विजयप्रमसूरिस्वाध्याय ४१ विजयप्रमसूरिउपर ५* खोपटीकासह २३ नयरहस्य કર વિષયતાવાઃ ९ आषमीय चरित्र ૨૪ નવોપરા ४३ वैराग्यरति *x महाकाव्य *x खोपज्ञटीका सह [अपरनाम मुपाति] २५ न्यायखण्डनखाद्य टीका १० उपदेश रहस्य खोपशटीका सह [खकृत महावीरस्तवमूल उपर] ४४ सामाचारीप्रकरण ११ ऐन्द्रस्तुतिचतुर्विशतिका २६ न्यायालोक વોપાટી સઈ खोपशटीका सह २७ निशामुक्तिप्रकरण ४५ सिद्धसहस्रनामकोश *x १२ कूपदृष्टांत विशदीकरण २८ परमज्योतिः-पञ्चविंशतिका ४६ स्याद्वादपत्र વોપસટીજા સદા २९ परमात्मपञ्चविंशतिका ४७ स्तोत्रावलि * आई चिह अमुद्रित प्रथनु सूचक समजवु * आवाचने प्रकारनी चिहो अमुद्रित उपरांत अपूर्ण अने खण्डित कृतिओमाटे समजवा
SR No.010700
Book TitleAendra Stuti Chaturvinshatika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYashovijay
PublisherYashobharti Jain Prakashan Samiti
Publication Year1962
Total Pages153
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Devotion, & Worship
File Size7 MB
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