SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 5
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ कवि - परिचय | वंशवृक्ष । कविवर भदीचन्द्रजी जयपुर निवासी श्री निहालचन्दजी के तीसरे पुत्र थे । आपका गोत्र वज था । जाति आपकी खण्डेलवाल थी। निम्नस्थ वंश-वृक्षसे आपके वंशका भली भांति परिचय मिलता है: * शोभाचन्द्रजी पूरणमलजी + (१) निहालचन्द्रजी (२) जादुदासजी (१) गुलाबचन्द्रजी, (२) श्रमीचन्द्रजी, (३) भदी चन्द्रजी, (४) श्योजीरामजी, (५) गुमानीरामजी, (६) भगतरामजी, अमरचन्द्रजी मोतालालजी सोनजी फूलचन्द्रजी * श्रीशोभाचन्द्रजीकी जन्मभूमि आमेर थी । आप वहाँ बहुत समय तक रहे थे । परन्तु अब वहाँ निर्वाह नहीं हुआ, तब आप सामानेर ( जयपुर राज्यान्तर्गत एक नगर ) चले गये । सामामेश्मे रहते थे, परन्तु अपने निर्वाहके लिये आपको भी जयपुर जाना पड़ा था । + श्रीदूरमलजी व कवि-परिचय | Ww
SR No.010694
Book TitleBudhjan Satsai
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathuram Premi
PublisherJain Granth Ratnakar Karyalay
Publication Year
Total Pages91
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy