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________________ बेठणे संदिसाहुं-मुझे आसनपर बैठनेका आदेश दो। वेठणे ठाऊं-मैं आसनपर बैठता हूँ। सन्झाय संदिसाहुं-मुझे स्वाध्याय करनेका आदेश दो। सज्झाय करूं-मैं स्वाध्याय करता हूं। सामाइभ पारेमि-मैं सामायिक पारता हूँ। पुणोविकायन्वं-( गुरु कहे ) फिर भी करो। यथा शक्ति- जैसी मेरी शक्ति होगी। सामाइझं पारिअं-मैंने सामायिक पारली आयारो न मोत्तन्वो ( गुरु कहे ) आचार ( सामायिक ) त्यागने योग्य नहीं है। तहत्ति-आपका कहना ठीक है। इच्छाकारेण संदिसह भगवन्-हे भगवन् ( अपनी ) इच्छापूर्वक आदेश दो। इति सामायिक सूत्र हिन्दी अर्थ सहित समाप्त । VIRA - पूज्य गुरुदेव श्री कानजी स्वामी के प्रोप अनन्यतमाशयह ... द्वारा सम्पन्न आध्यात्मिक क्रान्ति में आपका अभूतपूर्व योगदान है। उन मिशन की जयपुर से संचालित समस्त गतिविधियों आपकी सूझ-बूझ ए सफल संचालन का ही सुपरिणाम हैं।
SR No.010693
Book TitleChaityavandan Samayik
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmanandji Jain Pustak Pracharak Mandal
PublisherAtmanand Jain Pustak Pracharak Mandal
Publication Year1918
Total Pages35
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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