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________________ २५ ૧૪૨ १०८ ११० ' विषय - पृष्ठ । विषय पृष्ठ ऐरावत हाथी, सिंह, गंगा गृहस्थके लिये त्याज्य असत्य और वेणुदेवकी उपमा- __ क्या है... ... ... १४० सेभी .वढकर उपमेयकी | असत्यका चुरा परिणाम, .. १४१ .: विशेषता, .... .... मौनसे कल्याण, . ... चाईसवी गाथा- ... तपोंमें ब्रह्मचर्यकी उत्तमता, कृष्ण कमल चक्रवर्तीकी उप कुशीलताके दोष, ... १४४ माका वर्णन, . . ... ११० कदाचारका परिणाम, वात्स्यातेईसवीं गाथा-... ... यनका मत, मैथुन सेवनसे दानका लक्षण, ... .... १३१ कामज्वर नहीं घटता, '१४७ दानके प्रकार, अभयदान । ब्रह्मचर्यसे ही पूजा, ब्रह्म सबसे बडा दान है, ... १३१ - चर्यका फल, महावीरप्रभुयाज्ञवल्क्यका मत, यजुर्वेद, के नाम, ज्ञातपुत्र शब्दकी ' 'मनुका मत, दशधर्म, ... १३३ १३३ उत्पत्ति, ... ...१ नियमसारकामत, समन्तभद्रा- चौवीसवीं गाथा-लवस'चार्यकामत, लोकोंका __ तमदेव, सुधर्मसभा, सर्व मन्तव्य, ... ... १३४ | धर्मकी उपमाका वर्णन, १८२ राज्यसे भी अधिक प्राण प्रिय पञ्चीसवीं गाथा- .... हैं-पीडा-मतलवकी हिंसा छब्बीसवीं गाथा- ... १८६ मी हानिकर, ... ... १३५ कषाय वर्णन, कषायसे हानि, अहिंसाका माहात्म्य, अहिं इनके हटानेके साधन, ___ साका फल, लोकमत, . कषाय त्यागका फल, वीतपरिणाम, .. ... ... १३६ रागताद्वारा अलग २ कषाअभयदानपर उदाहरण, ... १३७ यके जीतनेका फल, ... १९२ सवसे वही सत्य भाषा, कषायकी आगको वुझाओ, १९३ मनुका अभिप्राय, अस- सताइसवीं गाथा- १९६ त्यका खुलासा, ... १३८ । मतोंका वर्णन, ... ... १९६ yx. १८४
SR No.010691
Book TitleVeerstuti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKshemchandra Shravak
PublisherMahavir Jain Sangh
Publication Year1939
Total Pages445
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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