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________________ विषय भी छेड़ देता था जो कठिन होते थे और उनसे इस बातकी जाँच करता था कि लड़का कोशिश करके कितना समझ सकता है। इसके सिवा वह प्रायः प्रतिदिन उन विषयोंका सारांश भी सुनता था जिन्हें उसे पहले दिन पढ़ा चुकता था। मिलको अँगरेजीकी ऐतिहासिक पुस्तकें पढ़नेका भी शौक हो गया था। उन्हें वह खूब जी लगाकर पढ़ता था और याद रखता था । टहलनेके समय जेम्स मिल जिन विषयोंपर व्याख्यान देता था वे प्रायः तात्त्विक और गहन होते थे, जैसे-; सुधार किसे कहते हैं, गवर्नमेंटका क्या अर्थ है, नीतिके वास्तविक नियम कौन कौन से हैं, अमुक मनुष्यका मन संस्कृत हो गया इसका क्या अभिप्राय है, इत्यादि । शिक्षामें सावधानी। लड़केको कौन कौन पुस्तकें पढ़नेके लिये देना चाहिये, इसका चुनाव जेम्स स्वयं करता था। मिलके पढ़नेके लिये वह बहुधा ऐसी चरितात्मक पुस्तकें पसन्द करता था जिनसे उसके चित्तपर संकटके समय विचलित न होनेका और साहसपूर्वक काम करनेका दृढ़ संस्कार हो जाय । जिन्होंने पहले पहल अमेरिकामें जाकर अपना अड्डा जमाया था, जलपर्यटन किया था और पृथ्वीकी प्रदक्षिणा की थी, उनके चरित मिलको खास तौरसे पढ़नेके लिये दिये जाते थे। मनोरंजन करनेवाली पुस्तकें भी उसे कभी कभी दी जाती थीं, पर वे भी जेम्सकी पसन्द की हुई होती थीं । पुत्रका कोई विचार या विश्वास भ्रमपूर्ण न हो जाय, जेम्स इसकी बहुत खबरदारी रखता था । इसका एक उदाहरण सुनिये:__ अँगरेज सरकार और अमेरिकाके बीच एक बातपर झगड़ा हो गया और उसने इतना उग्ररूप धारण किया कि आखिर लड़ भिड़कर
SR No.010689
Book TitleJohn Stuart Mil Jivan Charit
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathuram Premi
PublisherHindi Granthratna Karyalaya
Publication Year1921
Total Pages84
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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